रायपुर , दिसंबर 19 -- छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से महात्मा गांधी का नाम हटाने के प्रस्ताव को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यह फैसला भाजपा की गांधी विरोधी मानसिकता और राजनीतिक दिवालियापन को उजागर करता है।
श्री बैज ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी श्रम की गरिमा, सामाजिक न्याय और गरीबों के अधिकारों के प्रतीक रहे हैं, लेकिन भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) उनकी विचारधारा से हमेशा असहज रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने मनरेगा के माध्यम से रोजगार को कानूनी अधिकार का दर्जा दिया था, जबकि इसके विपरीत मोदी सरकार और भाजपा की राज्य सरकारें इस योजना को कमजोर करने और अंततः बंद करने की साजिश कर रही हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि पिछले 11 वर्षों में मनरेगा के बजट में लगातार 30 से 35 प्रतिशत तक की कटौती की गई है, जिससे मजदूरों को न तो पर्याप्त काम मिल पा रहा है और न ही समय पर भुगतान हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि महंगाई बढ़ने के बावजूद ग्रामीण मजदूरों की स्थिति खराब हुई है।
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