बैतूल , अक्टूबर 06 -- मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में कथित तौर पर कफ सिरप कोल्ड्रिफ के कारण दो बच्चों की मौत के मामले में अब प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि दोनों बच्चों का इलाज बैतूल में नहीं हुआ है और न ही जिले में इस कफ सिरप का विक्रय होना पाया गया है।

कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि दोनों बच्चों का इलाज बैतूल जिले में कहीं भी नहीं हुआ है और जिले में कोल्ड्रिफ सिरप का विक्रय भी नहीं पाया गया है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्राम कलमेश्वरा निवासी कबीर (4) और ग्राम जामुन बिछुआ निवासी गर्भित (2.5 वर्ष) का इलाज जिले के बाहर हुआ था।

उल्लेखनीय है कि कबीर की मृत्यु 8 सितंबर को अन्य जिले में हुई और गर्भित का इलाज छिंदवाड़ा जिले के परासिया में हुआ था और उसकी मृत्यु उपचार के बाद ग्राम लादी (आमला) में हुई।

कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, पुलिस या प्रशासन को कोल्ड्रिफ से किसी की मृत्यु की कोई आधिकारिक सूचना या शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। मेडिकल टीम की जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि बैतूल जिले की किसी भी दवा दुकान पर कोल्ड्रिफ सिरप उपलब्ध नहीं है और इसका विक्रय नहीं हो रहा है।

इसी बीच मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज हुरमाड़े ने इस मामले की विशेष जांच टीम गठित की है। टीम मेंडीएचओ डॉ. राजेश परिहार, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष सिंह ठाकुर, प्रभारी जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. प्रांजल उपाध्याय और औषधि निरीक्षक संदीप जादौन शामिल हैं। यह टीम दोनों परिवारों से मुलाकात कर पूरी जानकारी एकत्र करेगी।

डॉ. हुरमाड़े ने कहा कि जरूरत पड़ने पर पोस्टमार्टम कराकर भी वास्तविक कारण की जांच की जाएगी।

वहीं कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने कहा कि आमला क्षेत्र छिंदवाड़ा जिले के परासिया से सटा हुआ है, इसलिए कई लोग इलाज के लिए वहीं जाते हैं। यह मामला प्रत्यक्ष रूप से बैतूल से जुड़ा नहीं है, फिर भी बच्चों की मौत को अत्यंत संवेदनशीलता से जांच की जा रही है।

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि जिले में कफ सिरप के उपयोग पर निगरानी रखी जाए और आमजन में सुरक्षित दवा उपयोग को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित