भाेपाल , अक्टूबर 14 -- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज कहा कि प्रदेश में एक के बाद एक विकास के लगातार काम हो रहे हैं और कोई कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था कि राज्य में इतनी तेजी से बदलाव आ सकते हैं।

डॉ यादव यहां 5 वें राज्य स्तरीय स्वच्छता सम्मान सह कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में की गई स्वच्छता संबंधी एक पहल से देश भर में जो वातावरण बना उससे आज भारत आर्थिक रूप से संपन्न होने के साथ-साथ स्वच्छतम देश में भी शामिल हुआ है। हमारे देश की सबसे स्वच्छ राजधानी में से एक भोपाल राजधानी है।

उन्होंने कहा कि आज भारत बदल रहा है और मध्यप्रदेश में एक के बाद एक विकास के काम हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में आज हमारे शहर अपने आप नगर निगम से मेट्रोपॉलिटन शहर की तरफ बढ़ रहे हैं। इसकी कभी कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि मध्यप्रदेश में इतनी तेजी से बदलाव आ सकते हैं।

समारोह के दौरान उन्होंने विभिन्न श्रेणी के 64 पुरस्कार दिए।

उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर प्रदेश को लगभग 22 हजार करोड़ रुपए की सौगात दी जा रही है। इंदौर, भोपाल, उज्जैन और अपने अधिकांश जगहों पर मां नर्मदा के जल से न केवल खेत सिंचित हो रहे हैं बल्कि हमारी उद्योगों और पीने के लिए भी शुद्ध पानी मिल रहा है। आज 10 हजार करोड़ रुपए की "नमामि नर्मदे योजना" प्रारंभ हो रही है। अमृत 2.0 योजना के माध्यम से 7 हजार करोड रुपए की सौगात मिल रही है। 5000 करोड रुपए की लागत से नई मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना की सौगात मिल रही है। आगामी 3 वर्षों में लगभग 20000 करोड रुपए की योजना मूर्त रूप लेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ का आयोजन केवल इंदौर-उज्जैन संभाग और हमारे प्रदेश का नहीं बल्कि विश्व का सबसे बड़ा मेला है।

स्वच्छता सर्वेक्षण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हमारे आठ शहरों (इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, देवास, बुधनी) को नेशनल अवार्ड दिया गया। स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर, देवास और बुधनी भी आ गया। उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले संभागों में भोपाल, जबलपुर, उज्जैन को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि 900 ई-बसें आ रही हैं। स्वच्छता में 6 छोटे-छोटे जिले (मंडला, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंदसौर, टीकमगढ) भी आ गए हैं। हम सब मिलकर हमारे शहरों में खासकर कचरे के जो बड़े-बड़े ढेर हैं निश्चित तौर पर उन्हें खत्म करेंगे।

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