भोपाल , अक्टूबर 23 -- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में मंत्रिपरिषद की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें किसानों, स्वास्थ्य और सतत विकास लक्ष्यों से जुड़े कदम शामिल हैं।
मंत्रिपरिषद ने सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को अल्पावधि फसल ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर देने की योजना को निरंतर बनाए रखने का निर्णय लिया। खरीफ 2025 का ड्यू डेट 28 मार्च 2026 और रबी 2025-26 का ड्यू डेट 15 जून 2026 निर्धारित किया गया है। निर्धारित तिथि तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों से किसी प्रकार का ब्याज नहीं लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त सभी किसानों को 1.5 प्रतिशत सामान्य ब्याज अनुदान और 4 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन ब्याज अनुदान भी मिलेगा। इस वर्ष 23,000 करोड़ रुपये वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्रिपरिषद ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के क्रियान्वयन के लिए आगामी पांच वर्षों (2025-2030) की मूल्यांकन योजना को स्वीकृति दी। योजना के तहत राज्य, जिला और विकासखंड स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी, मूल्यांकन और स्थानीयकरण सुनिश्चित किया जाएगा। शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिलों को वार्षिक पुरस्कार राशि (1 करोड़ और 75 लाख रुपये) प्रदान की जाएगी। कुल योजना पर अनुमानित व्यय 19.10 करोड़ रुपये होगा।
वही टीकमगढ़, नीमच, सिंगरौली, श्योपुर और डिंडौरी जिला चिकित्सालयों में कुल 800 बिस्तरों का उन्नयन किया गया है। इसके संचालन के लिए 810 नए पद सृजित किए गए, जिसमें 543 नियमित, 4 संविदा और 263 आउटसोर्सिंग पद शामिल हैं। वार्षिक व्यय 39.50 करोड़ रुपये होगा।
जबकि मालथौन कनिष्ठ खंड न्यायालय में व्यवहार न्यायाधीश के लिए एक नवीन पद और तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के 6 पद बनाए गए। वही निवर्तन के लिए भूखण्ड का आरक्षित मूल्य अब कलेक्टर गाइडलाइन के 100 प्रतिशत क्षेत्रफल पर तय किया जाएगा। इससे राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त होगा और विकास कार्यों के लिए अधिक राशि उपलब्ध होगी।
इन निर्णयों से किसानों को राहत, स्वास्थ्य और न्यायिक व्यवस्थाओं में सुधार, तथा सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रदेश की प्रगति सुनिश्चित होगी। फसल ऋण पर शून्य ब्याज और अतिरिक्त प्रोत्साहन किसानों को वित्तीय सशक्तिकरण देगा। चिकित्सालयों में बिस्तरों और पदों के सृजन से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी। सतत विकास लक्ष्यों का मूल्यांकन और पुरस्कार व्यवस्था राज्य के दीर्घकालिक विकास की दिशा में एक ठोस कदम है।
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