भोपाल , अक्टूबर 29 -- मध्यप्रदेश ने निर्यात क्षेत्र में ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए अब तक का सर्वोच्च निर्यात 66,218 करोड़ रुपए दर्ज किया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस (एफआईईओ) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 66,218 करोड़ रुपए और आईटी कंपनियों (एसईजेडस) का निर्यात 4,038 करोड़ रुपए रहा है। औद्योगिक विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के निरंतर प्रयासों से प्रदेश की राष्ट्रीय निर्यात रैंकिंग 15वें से बढ़कर 11वें स्थान पर पहुँच गई है।

यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष है क्योंकि प्रदेश के अनेक निर्यातक अपने उत्पादों का निर्यात गुजरात और महाराष्ट्र के बंदरगाहों के माध्यम से करते हैं, जिससे उनके आँकड़े प्रायः अन्य राज्यों के खाते में दर्ज हो जाते हैं।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी का शुभारंभ किया। इस नीति के तहत निर्यातकों को प्रोत्साहन, वित्तीय सहायता और आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं, जिससे प्रदेश के उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुँचाने में नई गति मिली है।

प्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआईडीसी) द्वारा वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) एवं एक्सपोर्ट प्रमोशन विषयक कार्यशालाएँ और प्रदर्शनियाँ लगातार आयोजित की जा रही हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य प्रदेश के कारीगरों, किसानों, उद्यमियों और एमएसएमई इकाइयों को अंतरराष्ट्रीय मानकों, निर्यात प्रक्रियाओं और वैश्विक अवसरों से जोड़ना है।

इसी क्रम में 28 अक्टूबर को सागर में कृषि उपकरणों के निर्यात पर कार्यशाला हुई। अगर मालवा में 29 अक्टूबर को संतरा उत्पादों के प्रसंस्करण पर, 30 अक्टूबर को बैतूल में सागौन उत्पादों के वैश्विक बाजार पर, 31 अक्टूबर को इंदौर में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर और 4 नवम्बर को श्योपुर में टमाटर प्रसंस्करण और निर्यात संभावनाओं पर कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी। इनमें एपीईडीए, उद्यानिकी विभाग, हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, ईसीजीसी, एसबीआई, एक्ज़िम बैंक, भारतीय डाक विभाग और प्रमुख ई-कॉमर्स मंचों के विशेषज्ञ भाग लेंगे।

विशेषज्ञ ब्रांडिंग, पैकेजिंग, जीआई टैगिंग, गुणवत्ता परीक्षण, वित्तीय सहायता, बीमा, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल मार्केटिंग जैसे विषयों पर व्यावहारिक मार्गदर्शन देंगे।

मध्यप्रदेश की असली पहचान उसकी कृषि, परंपरा और हुनर में निहित है। फलों, सब्जियों, मसालों, अनाज और वनोपज के उत्पादन में अग्रणी होने के साथ ही चंदेरी साड़ी, जरदोज़ी कढ़ाई, लकड़ी के खिलौने, गोंड चित्रकला, रत्न और कृषि आधारित उत्पाद अब प्रदेश की वैश्विक पहचान बनते जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस (1 नवम्बर 2025) पर एक भव्य प्रदर्शनी और लाइव डेमोंस्ट्रेशन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के विविध ओडीओपी उत्पाद प्रदर्शित होंगे। कारीगर अपने उत्पादों का लाइव निर्माण कर आगंतुकों को प्रदेश की परंपरा, परिश्रम और कौशल से परिचित कराएँगे।

उज्जैन स्थित एकता मॉल इस पहल का उत्कृष्ट उदाहरण है, जहाँ देशभर के जीआई टैग और ओडीओपी उत्पाद एक ही छत के नीचे प्रदर्शित और विक्रय किए जा रहे हैं। यह मॉल स्थानीय कारीगरों को मंच प्रदान कर उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

"एक जिला - एक उत्पाद (ओडीओपी)" केवल एक योजना नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की आत्मा, परंपरा और आर्थिक शक्ति का उत्सव है। यह पहल प्रदेश को एक सशक्त एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है, जो हर जिले, हर गाँव और हर कारीगर की कहानी को वैश्विक मंच तक पहुँचा रही है।

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