चेन्नई , अक्टूबर 22 -- मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को तमिलनाडु सरकार को गिंडी स्थित मद्रास रेस क्लब (एमआरसी) से प्राप्त 160.86 एकड़ भूमि पर तालाबों के सुदृढ़ीकरण तथा अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं के क्रियान्वयन की अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति एस.एम. सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा एमआरसी के खिलाफ दायर अपील पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया। इस आदेश का अर्थ है कि राज्य सरकार ने पूरी भूमि पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर लिया है।
राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता और राज्य सभा सांसद पी. विल्सन ने दलील दी कि स्वतंत्रता पूर्व 99 वर्षों और कुल 180 वर्षों के लिए दिये गये पट्टे की समाप्ति के बाद, 9 सितंबर, 2024 को मद्रास रेस क्लब से 6,500 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि वापस ले ली गई थी।
गौरतलब है कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव पी. अमुधा ने 6 सितंबर, 2024 को एक आदेश जारी किया था कि "सरकार, जिला कलेक्टर की रिपोर्ट पर सावधानीपूर्वक विचार करने और सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए भूमि की समग्र आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए... मद्रास रेस क्लब को दिए गए पट्टे को समाप्त करने और भूमि को पूरी तरह से वापस लेने का निर्णय लेती है।"इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने 9 सितंबर 2024 को चेन्नई के गिंडी में मद्रास रेस क्लब के 148 एकड़ से अधिक भूमि के पट्टे को समाप्त कर दिया और भूमि को अपने अधिकार में ले लिया था।
दरअसल 1946 में, वेंकटपुरम (अड्यार) और वेलाचेरी गांवों में कुल 160.86 एकड़ जमीन मद्रास रेस क्लब को पट्टे पर दी गई थी, जिसका उद्देश्य घुड़दौड़, खेल और अन्य मनोरंजक गतिविधियों के लिए था।
श्री विल्सन ने बताया कि कि एमआरसी ने सरकार द्वारा भूमि वापस लेने के खिलाफ एक वाद दायर किया था जो एकल न्यायाधीश के समक्ष लंबित है। एकल न्यायाधीश ने तब तक पक्षकारों को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि हालांकि प्राप्त की गयी 160.86 एकड़ ज़मीन में से लगभग 118 एकड़ ज़मीन बागवानी विभाग को सौंप दी गई है, जिसने इको पार्क परियोजना के लिए निविदा जारी कर दी है।
श्री विल्सन ने अदालत को बताया कि एकल न्यायाधीश की पीठ ने 4 जुलाई, 2025 के अपने अंतरिम आदेश में निविदाएँ आमंत्रित करने की अनुमति तो दी थी, लेकिन यथास्थिति के आदेश के कारण सरकार को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि इको पार्क एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है, जो शहर में बाढ़ नियंत्रण और जल पुनर्भरण के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने तर्क दिया कि अंतरिम आदेश को स्थगित कर दिया जाना चाहिए।
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