अमृतसर , दिसंबर 01 -- श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज्ज ने सोमवार को मत्तेवाड़ा जंगल के पास गांवसेखेवाल का दौरा किया। उन्होंने पंजाब सरकार और ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गलाडा) द्वारा कथित तौर पर गांववालों की फसलें नष्टकरने और उनकी ज़मीन पर कब्ज़ा करने के मामले की खास तौर पर समीक्षा की।
गांव के रंगरेटा सिख समुदाय के खिलाफ पंजाब सरकार की सख्त कार्रवाई के बारे में उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की 350वीं शहीदी वर्षगांठ मनाने का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ गुरु के पवित्र शीश के अंतिम संस्कार वाले दिन भाई जीवन सिंह (भाई जैता जी) के वंशजों पर ज़ुल्म करके अपनी सिख विरोधी सोच दिखा रही है। उन्होंने कहा कि मत्तेवाड़ा प्रोजेक्ट रद्द होने के बाद पंजाब सरकार ने वादा किया था कि गांव की ज़मीन पंचायत को वापस कर दी जाएगी। लेकिन अब मोहाली के लखनौर जंगल को एक वाणिज्यिक समूह को देने के बाद, सरकार इस गांव की आबादी वाली जगह को उखाड़कर जंगल लगा रही है। उन्होंने इस बर्ताव को अपने आप में बेतुका और शर्मनाक बताया। इस मौके पर, उन्होंने पूरे पंथ से अपील की कि वे इन गरीब सिख परिवारों के साथ एकजुट रहें और उनके संघर्ष में उनका साथ दें।
उन्होंने कहा कि वह पंजाब सरकार को याद दिलाना चाहते हैं कि गुरु के रंगरेटा सिख और बड़ा सिख समुदाय सिर्फ़ पंजाब में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैला हुआ है, और अधिकारियों को यह समझने की गलती नहीं करनी चाहिए कि ये गरीब सिख परिवार अकेले हैं। पूरा खालसा पंथ उनके साथ खड़ा है। उन्होंने पंजाब सरकार से ऐसे फैसलों पर फिर से सोचने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकारों का यह फ़र्ज़ है कि वे अपनी पॉलिसी का इस्तेमाल गरीब समुदायों को बसाने और उनकी भलाई के लिए करें, न कि उन्हें उखाड़कर बेदखल करें।
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