नयी दिल्ली , अक्टूबर 09 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की इंफाल उप-क्षेत्रीय इकाई ने मणिपुर विश्वविद्यालय से जुड़े धन शोधन मामले में कुल 71 लाख रुपये की तीन अचल संपत्तियों को अस्थायी तौर पर कुर्क किया है। यह कार्रवाई विश्वविद्यालय में कथित वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में की गयी है।

ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों में एक आवासीय संपत्ति शामिल है, जिसकी कीमत 23.95 लाख रुपये है। यह संपत्ति कौंसाम शेटियाबती देवी के नाम पर है, जो उस समय मणिपुर विश्वविद्यालय में वित्त अधिकारी (प्रभारी) थीं।

इसके अलावा दो कृषि भूमि के टुकड़े भी शामिल है जिनकी कुल कीमत 48 लाख रुपये आंकी गयी है। यह भूमि लौरेम्बम रमेश्वर मैतेई के नाम पर हैं, जो लौरेम्बम एंटरप्राइजेज के मालिक और ठेकेदार हैं। सभी संपत्तियां इंफाल में स्थित हैं।

ईडी की जांच सीबीआई की एंटी-करप्शन शाखा (एसीबी), इंफाल द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। इस प्राथमिकी में मणिपुर विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों के. बसंता सिंह, के. जीवन कुमार, एन. तेजेन्द्रो सिंह और एच.एन.के. शर्मा (तत्कालीन कुलपति) पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने ठेकेदार लौरेम्बम रमेश्वर मैतेई के साथ मिलकर विश्वविद्यालय को ठगने की साजिश रची थी।

इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इंटरनेशनल गेस्ट हाउस के लिए फर्नीचर आपूर्ति का ठेका मैतेई को अनुचित तरीके से दे दिया। उन्होंने फर्नीचर की पूरी आपूर्ति का झूठा प्रमाणपत्र जारी किया और पूरा भुगतान लौरेम्बम एंटरप्राइजेज को किया है।

बाद में घोटाले को छिपाने के लिए आरोपियों ने यह दावा किया कि फर्नीचर विश्वविद्यालय के रिक्रिएशन हॉल में लगी आग में नष्ट हो गया था, जिससे विश्वविद्यालय को भारी नुकसान और आरोपियों को अनुचित लाभ हुआ।

ईडी की जांच में सामने आया कि ठेके बिना उचित प्रक्रिया और जनरल फाइनेंशियल रूल्स का पालन किए बिना दिए गए थे।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित