भोपाल , अक्टूबर 28 -- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) अंतर्गत भारिया, बैगा और सहरिया समुदाय के घरों के विद्युतीकरण के लिए 78 करोड़ 94 लाख रुपये की द्वितीय चरण कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान की गई।

स्वीकृति के अनुसार प्रदेश में 18 हजार 338 अविद्युतीकृत घरों को बिजली से जोड़ने के लिए विद्युत अधोसंरचना विस्तार किया जाएगा। इसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार से अनुदान रूप में और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा अंशपूंजी के रूप में दी जाएगी। बसाहटवार सीमा को बढ़ाकर अब प्रति घर दो लाख रुपये कर दिया गया है। जहां लागत अधिक होगी, वहां एक किलोवाट क्षमता के सौर पैनल और बैटरी के माध्यम से 211 घरों का विद्युतीकरण किया जाएगा।

मंत्रि-परिषद ने अति उच्च दाब (132 केवी और उससे बड़ी) पारेषण लाइनों से संबंधित क्षतिपूर्ति दरों में भी वृद्धि की है। अब टॉवर लगाने पर किसानों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि 85 प्रतिशत से बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दी गई है। वहीं, ट्रांसमिशन लाइन के "राइट ऑफ वे" क्षेत्र की क्षतिपूर्ति 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की गई है। किसानों का भूमि स्वामित्व यथावत रहेगा और वे टॉवरों के बीच व लाइनों के नीचे की भूमि में फसल ले सकेंगे।

बैठक में बक्स्वाहा (जिला छतरपुर) में व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खंड स्तर के कुल 7 नवीन पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई, जिन पर वार्षिक व्यय 52 लाख 46 हजार रुपये आएगा। इसके अलावा भोपाल स्थित शासकीय आवास आवंटन नियम 2000 के नियम 17 और 37 में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

अब स्थानांतरण या सेवानिवृत्ति की स्थिति में शासकीय सेवक अधिकतम 6 माह तक आवास सामान्य दर पर धारण कर सकेंगे। पहले यह अवधि 3 माह थी। सेवानिवृत्ति के उपरांत अगले 3 माह के लिए किराया सामान्य दर से 10 गुना और उसके बाद दाण्डिक दर से वसूला जाएगा। अनधिकृत रूप से आवास रखने पर दाण्डिक किराया अब 10 गुना से बढ़ाकर 30 गुना कर दिया गया है, जिस पर प्रति माह 10 प्रतिशत की वृद्धि लागू होगी।

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