नयी दिल्ली , अक्टूबर 14 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को मंगोलिया के विकास में मजबूत और विश्वसनीय साझेदार बताते हुए दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर मंगोलिया के नागरिकों के लिए निशुल्क ई -वीजा की घोषणा की और कहा कि दोनों के बीच आध्यात्मिक संबंधों तथा परंपराओं को मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
श्री मोदी ने भारत की यात्रा पर आए मंगोलिया के राष्ट्रपति हुरेलसुख उखना के साथ यहां द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त वक्तव्य में कहा कि भारत मंगोलिया के विकास में एक दृढ़ और विश्वसनीय साझेदार रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति हुरेलसुख की यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब भारत और मंगोलिया के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष और रणनीतिक भागीदारी के 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर दोनों देशों ने संयुक्त डाक टिकट भी जारी किया जो साझा विरासत , विविधता और गहरे सत्यतागत संबंधों का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि छह वर्ष के बाद मंगोलिया के राष्ट्रपति का भारत आना अपने आप में एक विशेष अवसर है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि भारत मंगोलिया के नागरिकों को निःशुल्क ई-वीजा देगा और हर वर्ष मंगोलिया से युवा 'कल्चरल एम्बेसडर्स' की भारत यात्रा की भी व्यवस्था करेगा। उन्होंने कहा, " हमारी सरहदें भले ही जुड़ी हुई नहीं हैं लेकिन भारत ने मंगोलिया को हमेशा एक पड़ोसी के रूप में देखा है" उन्होंने कहा कि इसी बात को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है। "श्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में दोनों देशों के बीच दस वर्ष पहले हुई रणनीतिक साझेदारी का विस्तार हुआ है और यह प्रगाढ हुई है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग भी लगातार मजबूत हो रहा है और भारत मंगोलिया के सीमा सुरक्षा बलों के लिए भारत में नऐ क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी शुरू करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा , " भारत और मंगोलिया के संबंध केवल राजनयिक नहीं है यह हमारे बीच आत्मीय और आध्यात्मिक बंधन है। हमारे संबंधों की असली गहराई और व्यापकता हमारे लोगों के बीच संपर्क में दिखाई पड़ती है।"प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच अध्यात्मिक संबंधों का उल्लेख करते हएु कहा कि अगले वर्ष भगवान बुद्ध के दो महान शिष्यों - सारिपुत्र और मौद्गल्या-यन के पवित्र अवशेष भारत से मंगोलिया भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत मंगोलिया की 'गंदन मॉनेस्टेरी' में एक संस्कृत शिक्षक भी भेेजेगा ताकि वहां के बौद्ध ग्रंथों का गहराई से अध्ययन किया जा सके और प्राचीन ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाया जा सकेश्री मोदी ने मंगोलिया में बौद्ध धर्म के लिए नालंदा विश्वविद्यालय की अहम भूमिका का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि नालंदा और 'गंदन मॉनेस्टेरी' को साथ जोड़कर हम इस ऐतिहासिक संबधो में एक नयी उर्जा लायेंगे।
मंगोलिया के प्रांत और लद्दाख की पवर्तीय परिषद के बीच हुए समझौते का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा , " हमारे संबंध केवल केंद्र सरकारों तक सीमित नहीं हैं - आज लद्दाख ऑटानमस हिल डेवलपमेंट काउन्सल और मंगोलिया के 'आर-खांगाय प्रांत' के बीच हुए समझौता ज्ञापन से हमारे सांस्कृतिक संबंधों को एक नई ऊर्जा मिलेगी।"वैश्विक मुद्दों पर दोनों देशों के साझे मूल्यों पर आधारित दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर दोनों देश करीबी साझेदार हैं। दोनों देश स्वतंत्र, मुक्त , समावेशी और नियम आधारित हिन्द प्रशांत के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश ग्लोबर साउथ की आवाज को सशक्त करने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित