श्रीनगर , अक्टूबर 27 -- जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों ने विभिन्न विभागों के भ्रामक जवाबों पर कड़ी नाराजगी जतायी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

सदन में यह मुद्दा उस समय जोर पकड़ गया, जब कांग्रेस विधायक निजामुद्दीन बट ने उनके प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री सकीना इटो के बयान पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग द्वारा दिये गये उत्तर जमीनी हकीकत के अनुरूप नहीं हैं और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।

इसी तरह, भाजपा विधायक आर एस पठानिया ने उधमपुर डंपिंग साइट के संबंध में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा दिये गये जवाब को भ्रामक बताते हुए कहा कि लिखित में जो कहा गया है, वह मौके पर बिल्कुल अलग है।दूसरी ओर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक लुलब कैसर जमशेद लोन ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में पानी की कमी का मुद्दा उठाया। उनके सवाल के जवाब में जल शक्ति मंत्री जावेद राणा ने बताया कि इलाके में 12 जलापूर्ति योजनायें कार्यरत हैं। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कैसर लोन ने कहा कि यह जवाब पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। दरअसल, कई योजनायें निष्क्रिय पड़ी हैं।

श्री लोन ने अध्यक्ष से अपील की कि वे उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जो जनप्रतिनिधियों को गलत जानकारी दे रहे हैं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए, अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने मंत्री जावेद राणा से इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने को कहा। मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि गलत बयानी करने के दोषी पाये गये किसी भी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

इस बीच, सदन में कई सदस्यों ने मांग की कि सरकार भविष्य में किसी भी प्रश्न का उत्तर देने से पहले तथ्यों की पुष्टि करना अनिवार्य बनाये, ताकि जनप्रतिनिधियों और जनता दोनों को सटीक जानकारी उपलब्ध हो सके।

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