भुवनेश्वर , नवंबर 11 -- ओडिशा सतर्कता निदेशक वाईके जेठवा ने मंगलवार को कहा कि भ्रष्टाचार केवल एक वित्तीय अपराध नहीं है, बल्कि यह एक प्रशासनिक कमी है जो जनता के विश्वास को कम करती है तथा संस्थाओं को कमज़ोर करती है।
'भ्रष्टाचार विरोधी कार्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)' शीर्षक से आयोजित एक कार्यशाला में श्री जेठवा ने कहा कि भ्रष्टाचार नागरिकों को अवसरों तक पहुंचने से रोकती है। जांचकर्ताओं और अभियोजकों को उन लोगों से आगे रहना होगा जो जटिलता का फायदा उठाते हैं।अगर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का बुद्धिमानी, नैतिकता और प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए तो यह लाभदायक साबित होगी। जेठवा ने भाग लेने वाले अधिकारियों को सलाह दी कि वे एआई को एक उपकरण के रूप में न देखें, बल्कि कार्य के प्रत्येक चरण में एक सहयोगी के रूप में देखें।
उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी कर्मियों से भ्रष्टाचार होने से पहले ही कमज़ोरियों का पता लगाने और बड़े डेटासेट में लाल झंडों की पहचान करने का आग्रह किया। लोगों, संपत्तियों और घटनाओं को तेज़ी से जोड़ने और साक्ष्य विश्लेषण तथा केस-निर्माण में सहायता करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। जब इन चरणों को एक साथ जोड़ा जाता है, तो ये एक बुद्धिमान, सक्रिय सतर्कता पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं।
ओडिशा सतर्कता विभाग ने सतर्कता निदेशालय में एक समर्पित एआई सेल और प्रभाग स्तर पर एआई टीमों की स्थापना की है ताकि जांच के दायरे में आने वाले व्यक्तियों का एआई-आधारित आकलन और डिजिटल फुटप्रिंट्स पर नज़र रखने जैसे कार्यों के लिए एआई तकनीक का लाभ उठाया जा सके। यह एआई सेल संगठन के भीतर और बाहर के विशेषज्ञों की एआई क्षमताओं का उपयोग भ्रष्टाचार विरोधी कार्यों को रोकने में मदद करेगा।
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