भोपाल , अक्टूबर 8 -- मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा आयोजित पांच दिवसीय पुतुल समारोह का शुभारंभ 8 अक्टूबर बुधवार से हो गया। समारोह में कठपुतली कला की विभिन्न शैलियों को प्रदर्शित किया जा रहा है। पहले दिन उद्घाटन के अवसर पर भारतीय लोक कला मंडल, उदयपुर के कलाकारों ने धागा पुतली शैली में काबुलीवाला/रामायण कथा प्रस्तुत की।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और कलाकारों के स्वागत के साथ हुई। समारोह में रामायण कठपुतली नाटिका के माध्यम से भगवान राम के वनवास, माता सीता हरण और राम-रावण युद्ध जैसे प्रसंगों का मंचन किया गया। वहीं काबुलीवाला कथा में अफगानी पठान और बालिका मिनी की दोस्ती और दस साल बाद उनकी भावनात्मक पुनर्मिलन की कहानी दर्शकों को भावविभोर कर गई।
आगामी दिनों में भी विभिन्न राज्यों के कलाकार पुतुल कला की शैलियों जैसे छड़, दस्ताना, धागा और आधुनिक शैली में प्रस्तुतियाँ देंगे। वही 9 अक्टूबर को लखनऊ के प्रदीपनाथ त्रिपाठी एवं साथियों द्वारा गुलाबो-सिताबो/अलादीन/लवकुश कथा प्रस्तुत की जाएगी। तो 10 अक्टूबर को शाहजहांपुर के कप्तान सिंह एवं साथियों द्वारा केवट प्रसंग/सीता हरण मंचित होगा। जबकि 11 अक्टूबर को गुवाहाटी की बिनिता देवी एवं साथियों द्वारा रावण वध/राम विजय भाओना कथा प्रस्तुत की जाएगी। तो समापन दिवस 12 अक्टूबर को नई दिल्ली के अक्षय भाट एवं साथियों द्वारा ढोलामारू/सीता हरण आधुनिक शैली में प्रदर्शित होगी।
समारोह के दौरान प्रतिदिन दोपहर 2 बजे अन्य कठपुतली प्रस्तुतियाँ भी आयोजित की जा रही हैं, जिसमें भोपाल के कलाकार मुकेश भारती, घनश्याम भट्ट, राहुल भट्ट, दुलारे भट्ट और जगदीश भट्ट द्वारा पारंपरिक एवं लोक संगीत पर आधारित कठपुतली प्रदर्शन किया जाएगा। पुतुल समारोह में सभी दर्शकों को सादर आमंत्रित किया गया है तथा प्रवेश निःशुल्क रखा गया है।
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