भोपाल , नवम्बर 22 -- खेल, युवा कल्याण एवं सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के भौगोलिक केंद्र में स्थित है और यहां की परिस्थितियां वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए अत्यंत अनुकूल हैं। इसलिए केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को वैज्ञानिक अनुसंधान का प्रमुख हब बनाया जा सकता है। वे शनिवार को भोपाल में आयोजित 59वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

इस प्रदर्शनी में देश के 23 राज्यों, 7 केन्द्र शासित प्रदेशों और 7 राष्ट्रीय संस्थानों से आए 800 से अधिक बाल वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने 240 नवाचारी विज्ञान मॉडल प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय भी उपस्थित रहीं।

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि बाल वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत मॉडल भारत के विज्ञान भविष्य की उज्ज्वल तस्वीर पेश करते हैं। इन्हें सतत प्रोत्साहन मिले तो इनमें से कई युवा भविष्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मान तक प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय अनुसंधान' का आह्वान कर अनुसंधान को नई ऊर्जा प्रदान की है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा मेडिकल शिक्षा की पुस्तकों को हिन्दी माध्यम में तैयार किया गया है, जिसकी पूरे देश में सराहना हुई है।

नई शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए केन्द्रीय सचिव, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग संजय कुमार ने कहा कि बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में होना आवश्यक है। इससे उनका मस्तिष्क विकास अधिक प्रभावी ढंग से होता है। उन्होंने अंग्रेजी को एक विषय के रूप में पढ़ाने और बहुभाषीय शिक्षा पर भी बल दिया।

कार्यक्रम को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली के दिनेश प्रसाद सकलानी, राष्ट्रीय नवप्रर्वतन प्रतिष्ठान, गांधी नगर के निदेशक डॉ. अरविंद सी. रानाडे और प्रोफेसर सुनीता फरक्या ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में सचिव स्कूल शिक्षा श्री संजय गोयल, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र हरजिंदर सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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