भोपाल , दिसंबर 16 -- पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल ने यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और शिकायत निवारण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। मंडल रेल प्रबंधक श्री पंकज त्यागी के मार्गदर्शन में "रेल मदद" पोर्टल और एप के माध्यम से यात्री शिकायतों के त्वरित एवं प्रभावी समाधान के चलते भोपाल मंडल ने 85 प्रतिशत यात्री संतुष्टि प्राप्त की है।
यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और तनावमुक्त यात्रा अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से भोपाल मंडल में रेल मदद को एक सशक्त शिकायत निवारण मंच के रूप में विकसित किया गया है। रेलवे की हेल्पलाइन 139 सहित सभी माध्यमों को रेल मदद पोर्टल एवं मोबाइल एप में एकीकृत किया गया है, जिससे शिकायतें एक ही प्लेटफॉर्म पर दर्ज होकर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके। शिकायत के समाधान के बाद यात्रियों से फीडबैक भी लिया जा रहा है, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो रहा है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने बताया कि भोपाल मंडल में 16 जून 2024 से रेल मदद वॉर रूम की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य यात्री शिकायतों पर तत्काल प्रतिक्रिया और शीघ्र समाधान सुनिश्चित करना है। वॉर रूम के प्रभावी संचालन के कारण वर्तमान में शिकायतों के समाधान का औसत समय मात्र 21 मिनट रह गया है।
रेल मदद वॉर रूम के प्रभारी श्री मयंक शर्मा ने बताया कि जैसे ही कोई शिकायत प्राप्त होती है, संबंधित विभाग को तुरंत सूचित कर यात्री से संपर्क किया जाता है और समस्या के समाधान तक सतत निगरानी रखी जाती है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और संतुष्टि को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रतिदिन त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।
इस व्यवस्था के अंतर्गत वाणिज्य, विद्युत, सी एंड डब्ल्यू, मेडिकल, रेल सुरक्षा बल सहित विभिन्न विभाग 24 घंटे समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं, जिससे शिकायतों का समयबद्ध और प्रभावी निस्तारण संभव हो पा रहा है।
आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष जून 2024 से मार्च 2025 के दौरान भोपाल मंडल को रेल मदद पोर्टल पर कुल 36,372 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनका शत-प्रतिशत निस्तारण किया गया। वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष अप्रैल 2025 से नवंबर 2025 तक प्राप्त 32,714 शिकायतों का भी शत-प्रतिशत समाधान सुनिश्चित किया गया है। भोपाल मंडल की यह उपलब्धि रेलवे प्रशासन की संवेदनशीलता, तत्परता और यात्री-केंद्रित कार्य संस्कृति का प्रमाण है, जो भारतीय रेल के लिए एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में उभर रही है।
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