पटना , अक्टूबर 27 -- बिहार में पहले चरण में छह नवंबर को 121 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव में भोजपुर जिले की सात विघानसभा सीट में से तीन सीटो संदेश, जगदीशपुर और आरा में विभिन्न दलों ने अपने विधायकों को बेटिकट कर दिया है ,वहीं दो सीटों संदेश और जगदीशपुर पर उनके पुत्रों को सियासी रणभूमि में उतारा गया है।

भोजपुर जिले में सात विधनसभा क्षेत्र संदेश, बड़हरा, आरा, अगियांव (सुरक्षित), तरारी,जगदीशपुर और शाहपुर है। इसमें से तीन सीटें तरारी,जगदीशपुर और शाहपुर पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद), बड़ृहरा, आरा और तरारी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अगियांव (सुरक्षित) पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) का कब्जा है।

संदेश विधानसभा सीट पर राजद ने विधायक किरण देवी को बेटिकट कर उनके पुत्र दीपू सिंह को चुनावी दंगल में उतारा है, वही जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने विधान पार्षद राधा चरण साह पर दांव लगाया है। वर्ष 2020 के चुनाव में राजद ने तत्कालीन विधायक अरुण यादव की जगह उनकी पत्नी किरण देवी को उम्मीदवार बनाया था, वहीं, जदयू ने पूर्व विधायक विजेन्द्र यादव को टिकट दिया था। इस सीट पर हुये चुनाव में राजद की किरण देवी ने जदयू के विजेन्द्र यादव को मात दी थी। इस चुनाव में 11 प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में हुंकार भर रहे है।

देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति के अमर योद्धा बाबू कुंवर सिंह की कर्मभूमि जगदीशपुर सीट से राजद ने विधायक राम विशुन सिंह को बेटिकट कर उनके पुत्र किशोर कुणाल को प्रत्याशी बनाया है, वहीं जदयू ने पूर्व मंत्री श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को समर में उतारा है। वर्ष 2020 के चुनाव में राजद के तत्कालीन विधायक राम विशुन सिंह ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) उम्मीदवार श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को पराजित किया था। जदयू उम्मीदवार सुष्मलता को तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर दस प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं।

आरा से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री सरदार हरिहर सिंह के पुत्र और वर्तमान विधायक अमरेन्द्र प्रताप सिंह को बेटिकट कर संजय सिंह टाइगर को प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाकपा माले ने कय्यूमउद्दीन अंसारी को चुनावी दंगल में उतारा है। वर्ष 2020 के चुनाव में भाजपा के श्री सिंह ने भाकपा माले के कयामुद्दीन अंसारी को पराजित किया था। अमरेन्द्र सिंह ने इस सीट पर पांच बार 2000, 2005 फरवरी, 2005 अक्टूबर, 2010 और 2020 में जीत दर्ज की है। इस सीट पर 13 प्रत्याशी चुनावी समर में उतरे हैं।

शाहपुर से पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के पुत्र और पूर्व मंत्री रामानंद तिवारी के पौत्र राजद विधायक राहुल तिवारी चुनावी रणभूमि में ताल ठोक रहे हैं, वहीं भाजपा ने बाहुबली छवि वाले नेता दिवंगत विश्वेश्वर ओझा के पुत्र राकेश ओझा पर भरोसा जताते हुये उन्हें चुनावी रणभूमि में उतारा है। वर्ष 2020 के चुनाव में शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से विश्वेश्वर ओझा की रिश्तेदार मुन्नी देवी भाजपा के टिकट पर चुनावी संग्राम में उतरी थी। विश्वेश्वर ओझा ,मुन्नी देवी के जेठ थे।वहीं मुन्नी देवी की जेठानी और विश्वेश्वर ओझा की पत्नी शोभा देवी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरकर अपनी ही रिश्तेदार को चुनौती देने में लगी हुयी थी।इस चुनाव में राजद के राहुल तिवारी ने निर्दलीय शोभा देवी को पराजित किया।भाजपा प्रत्याशी मुन्नी देवी तीसरे नंबर पर रहीं।इस सीट से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बिंदेश्वरी दुबे ने वर्ष 1985 के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी।रामानंद तिवारी इस सीट से सर्वाधिक पांच बार निर्वाचित हुये हैं। उनके पुत्र और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी भी शाहपुर से विधायक रह चुके हैं। मुन्नी देवी ने भी वर्ष 2005 अक्टूबर और वर्ष 2010 के चुनाव में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है। इस सीट पर 11 प्रत्याशी भाग्य आजमां रहे हैं।

मिनी चितौड़गढ़ के नाम से मशहूर बड़हरा सीट से पूर्व मंत्री अंबिका शरण सिंह के पुत्र भाजपा विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह चुनावी रण में उतरे हैं, वहीं राजद ने अशोक कुमार सिंह को उनसे लोहा लेने के चुनावी अखाड़े में उतारा है। वर्ष 2020 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी और तत्कालीन विधायक राजद प्रत्याशी सरोज यादव को शिकस्त दी थी। राघवेन्द्र प्रताप सिंह इस सीट पर छह बार 1985, 1990, 1995,2000, 2010 और 2020 में जीत दर्ज कर चुके हैं,जबकि उनके पिता अंबिका शरण सिंह ने दो बार वर्ष 1967 और वर्ष 1977 में यहां प्रतिनिधित्व किया है। इस सीट पर 13 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में डटे हैं।

तरारी से पूर्व विधायक सुनील पांडेय के पुत्र और भाजपा विधायक विशाल प्रशांत चुनावी अखाड़े में फिर ताल ठोक रहे है, जबकि भाकपा माले के मदन सिंह उन्हें चुनावी अखाड़े में चुनौती दे रहे हैं।वर्ष 2020 के चुनाव में इस सीट पर भाकपा माले के सुदामा प्रसाद निर्वाचित हुये थे। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में सुदामा प्रसाद के आरा से सांसद बनने के बाद रिक्त हुयी इस सीट पर हुये उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी विशाल प्रशांत ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2020 के चुनाव में भाकपा माले के सुदामा प्रसाद ने निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व विधायक सुनील पांडेय को मात दी थी। भाजपा उम्मीदवार कौशल कुमार विद्यार्थी तीसरे नंबर पर रहे थे।इस विधानसभा क्षेत्र से नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय ने वर्ष 2010 के चुनाव में जीत हासिल की थी। इससे पूर्व उन्होंने पीरो सीट से 2000,2005 फरवरी और 2005 अक्टूबर में जीत दर्ज की थी।आरा व्यवहार न्यायालय में बम विस्फोट प्रकरण में नाम आने के बाद जदयू ने उन्हें निलंबित कर दिया था। वर्ष 2015 में उनकी पत्नी गीता पांडेय ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा था। भाकपा-माले प्रत्याशी सुदामा प्रसाद ने लोजपा उम्मीदवार गीता पांडेय को कड़े मुकाबले में महज 272 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस सीट पर 15 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं।

अगियांव (सुरक्षित) से भाकपा माले ने विधायक शिव प्रकाश रंजन को उम्मीदवार बनया है, वहीं भाजपा के टिकट पर महेश पासवान चुनावी रण में उतरे हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में इस सीट पर भाकपा माले प्रत्याशी मनोज मंजिल ने जदयू के तत्कालीन विधायक प्रभुनाथ प्रसाद को पराजित किया था। हालांकि फरवरी 2024 में हत्या के एक मामले में सजा सुनाये जान के बाद उन्हें बिहार विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया । रिक्त हुयी इस सीट पर हुये उपचुनाव में भाकपा माले के शिव प्रकाश रंजन ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर नौ उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं।

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