नयी दिल्ली , दिसंबर 19 -- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज दिल्ली-एनसीआर में व्याप्त वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों और संबंधित नगर निकायों की कार्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा हेतु एक उच्चस्तरीय बैठक की।

श्री यादव ने दिल्ली-एनसीआर में खराब वायु गुणवत्ता की लगातार बनी हुई समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए घोषणा की कि जनवरी 2026 से कार्य योजनाओं की समीक्षा हर महीने मंत्री स्तर पर की जाएगी। राज्य सरकारों से कहा गया कि वे भविष्य में प्रस्तुत किए जाने वाले सभी एनसीआर शहरों की कार्य योजनाओं को अपने अधिकार क्षेत्र में समायोजित करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि कार्यान्वयन संबंधी बाधाओं को उच्च स्तरीय अंतर-राज्यीय समन्वय बैठकों के माध्यम से दूर किया जाएगा।

उन्होंने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकारों और नगर निकायों द्वारा उठाए गए कदमों पर अलग-अलग प्रस्तुतियों की समीक्षा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन कार्रवाइयों की गति को तब तक बनाए रखना आवश्यक है जब तक कि पूरे एनसीआर में वायु गुणवत्ता में स्पष्ट सुधार न हो जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन साथ ही आम जनता को अनावश्यक असुविधा नहीं होनी चाहिए।

दिल्ली-एनसीआर में चिन्हित 62 भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुचारू यातायात प्रबंधन सुनिश्चित करने और कॉरपोरेट एवं औद्योगिक इकाइयों द्वारा कर्मचारियों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन/सीएनजी बसों को बढ़ावा देने के निर्देश जारी किए गए। व्यस्त समय में भीड़ कम करने के लिए कार्यालयों, शॉपिंग मॉल और वाणिज्यिक परिसरों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित करने पर भी जोर दिया गया। अधिक यातायात वाले मार्गों पर संपूर्ण सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने के लिए विशेष उपाय किए गए, साथ ही क्षेत्र में संचालित अवैध और प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के सख्त निर्देश दिए गए।

केंद्रीय मंत्री ने एनसीआर शहरों में मेट्रो की अंतिम-मील कनेक्टिविटी में सुधार के लिए डीएमआरसी और राज्य अधिकारियों के साथ समन्वित योजना पर जोर दिया। यातायात जाम का कारण बनने वाले अतिक्रमणों को 10 दिनों के भीतर हटाने, गड्ढों से मुक्त सड़कों के लिए वार्षिक रखरखाव अनुबंध सुनिश्चित करने और मानसून से सड़कों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए उचित जल निकासी व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए।

श्री यादव ने एनसीआर में एक सप्ताह के भीतर वायु गुणवत्ता की स्थिति में स्पष्ट सुधार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को सड़कों पर जमा धूल और निर्माण एवं विध्वंस (सी एंड डी) कचरे को हटाने, जैव-द्रव जलाने पर रोक लगाने और उच्च प्रदूषण वाले समय में निर्माण प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया। कुशल सड़क सफाई और धूल नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए जीपीएस ट्रैकिंग से लैस यांत्रिक सड़क सफाई मशीनों (एमआरएसएम) की जिम्मेदारी अलग-अलग अधिकारियों को सौंपी गई।

दिल्ली-एनसीआर में अवैध रूप से टायर जलाने वाली इकाइयों और अन्य बिना अनुमति के प्रदूषण फैलाने वाले प्रतिष्ठानों को सील करने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए। इसके अलावा, सभी प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों-विशेष रूप से हरियाणा में ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (ओसीईएम) स्थापित करना सुनिश्चित करने और अनुपालन के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा को लागू करने का निर्देश दिया गया । उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि फरीदाबाद और गुरुग्राम द्वारा सोसायटी-वार ठोस अपशिष्ट संग्रह और पुराने कचरे का संयुक्त निपटान एक साझा सुविधा में सुनिश्चित किया जाए।

श्री यादव ने दिल्ली वन विभाग के समन्वय से एनडीएमसी क्षेत्र में वृक्षारोपण के निर्देश दिये जिसका लक्ष्य विश्व पर्यावरण दिवस 2026 तक 11 लाख पौधे लगाना है। एनएचएआई को बेहतर सेंसर और बेहतर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) प्रणालियों के माध्यम से टोल प्लाजा पर भीड़ भाड़ कम करने और प्रमुख यातायात वाली सड़कों के उचित रखरखाव को सुनिश्चित करने की सलाह दी गई।

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