नयी दिल्ली , दिसंबर 17 -- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को दिल्ली और सोनीपत नगर निकायों की वायु प्रदूषण शमन कार्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह दिल्ली-एनसीआर के लिए आयोजित समीक्षा बैठकों की श्रृंखला की तीसरी बैठक थी।
बैठक में श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जमीनी हकीकतों के साथ जुड़े रहें, प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों की पहचान करें और व्यावहारिक तथा लागू करने योग्य उपाय तैयार करें। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। इसका मतलब है कि सभी सरकारी विभागों, स्थानीय निकायों और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
श्री यादव ने विशेष निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण और विध्वंस कार्यों की अनुमति तब तक नहीं दी जानी चाहिए जब तक कि 10 किलोमीटर के दायरे में अपशिष्ट प्रबंधन और प्रोसेसिंग सुविधाएं उपलब्ध न हों। उन्होंने अक्टूबर से दिसंबर तक प्रदूषण के चरम स्तर को देखते हुए विध्वंस कार्यों पर रोक लगाने और उल्लंघनों पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
श्री यादव ने दिल्ली में बहुस्तरीय पार्किंग सुविधाओं का सही स्थान सुनिश्चित करने और शहर के 62 चिन्हित यातायात जाम वाले क्षेत्रों से अवैध पार्किंग और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने सुबह 9 से 11 बजे और शाम 4 से 7 बजे के व्यस्त समय के दौरान सिग्नल-मुक्त आवागमन सुनिश्चित करने के लिए सड़क गलियारों की पहचान करने के लिए विस्तृत योजना तैयार की जाएगी। इन गलियारों पर बीएस-चार मानक से नीचे वाले वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी।
श्री यादव ने अनियोजित शहरी विस्तार रोकने, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ाने और ऊंची इमारतों में रहने वाले निवासियों के लिए अंतिम छोर तक जोड़ना सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने नगर निगमों को पुराने कचरा डंप स्थलों जैसे ओखला, भलस्वा और गाजीपुर को समाप्त करने और ठोस अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन के विकल्प विकसित करने के निर्देश दिए।
श्री यादव ने सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवारा पशुओं को हटाने और यातायात जाम वाले क्षेत्रों में वैकल्पिक उपाय लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को औद्योगिक इकाइयों के ईंधन उपयोग और उत्पादन के आंकड़े जांचने और प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को स्वच्छ ईंधन में संक्रमण के लिए मार्गदर्शन देने का निर्देश भी दिया।
श्री यादव ने आम जनता और उद्योगों को जागरूक करने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि चालान केवल अंतिम उपाय होना चाहिए, आम जनता को असुविधा पहुंचाने के बजाय प्रमुख प्रदूषण फैलाने वालों को लक्षित करना जरूरी है। उन्होंने नागरिकों से सक्रिय भागीदारी का आह्वान करते हुए कहा कि अगले एक वर्ष में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में 40 प्रतिशत सुधार लाने के लिए मिशन मोड में काम किया जाएगा।
श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जमीनी स्तर पर कार्यवाही करें, जनता को जागरूक करें, और प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यावहारिक और असरदार उपाय लागू करें। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों को प्रेरित करना और जनता के सहयोग से प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करना आवश्यक है।
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