कोलकाता , अक्टूबर 13 -- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल में हाल ही में आयी भीषण आपदा के लिए भूटान से छोड़े गए पानी को जिम्मेदार ठहराते हुए उसे इसके नुकसान की भरपाई करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "यह आपदा भूटान के पानी के कारण आई है इसलिए उसे इस नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।"सुश्री बनर्जी अपने दौरे के दौरान बाढ़ प्रभावित इलाकों में गईं। व्यक्तिगत रूप से नुकसान का जायजा लिया। राहत सामग्री वितरित की और प्रत्येक मृतक के परिवार के एक सदस्य को नियुक्ति पत्र दिए।
स्थिति का प्रारंभिक आकलन करने के बाद पिछले बुधवार को कोलकाता लौटने के बाद मुख्यमंत्री रविवार को उत्तर बंगाल लौट आयी। उन्होंने अलीपुरद्वार के कई प्रभावित इलाकों का दौरा किया और फिर सोमवार की सुबह नागराकाटा के लिए रवाना हुईं। उनका पहला पड़ाव बामोनबाड़ी था, जहां उन्होंने सात लोगों को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र दिए।
सुश्री बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार आपदा के कारण हुए सभी स्थानीय नुकसान की भरपाई करेगी। मुख्यमंत्री ने बामोनबाड़ी में अपनी पुरानी मांग दोहराई, "हम भारत-भूटान के बीच एक नदी आयोग के गठन की मांग कर रहे हैं जिसमें बंगाल भी सदस्य हो। यह पूरी घटना भूटान से छोड़े गए पानी के कारण हुई।"उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "हमें सब कुछ खुद ही करना पड़ता है। दिल्ली एक रुपया भी नहीं देती।" उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के दबाव के बाद केंद्र ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 16 अक्टूबर को एक बैठक निर्धारित की है। बैठक में बंगाल का प्रतिनिधित्व एक राज्य अधिकारी करेंगे, हालांकि एजेंडा अभी अस्पष्ट है।
मृतकों के एक परिवार के सदस्य को नौकरी पत्र सौंपने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये दिए हैं और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी वादा किया है। आज नियुक्ति पत्र सौंपे जा रहे हैं।"उन्होंने बताया कि उस जगह पर एक अस्थायी लोहे का पैदल पुल बनाया गया है जहां से ग्रामीण पहले क्षतिग्रस्त पुल से नदी पार करते थे।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित