देहरादून, सितम्बर 26 -- उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने शुक्रवार को उत्तराखण्ड भूकम्प जोखिम मूल्यांकन एवं शमन (यूईआरएएम) के सम्बन्ध में बैठक की और कहा कि भूकम्प के प्रति संवेदनशीलता की दृष्टि से प्रदेश का एक बड़ा भू-भाग के जोन 5 में है, जिसके कारण यूईआरएएम के उद्देश्य, एक औपचारिक सुरक्षा-संचालित वातावरण तैयार करते हुए भूकंप से होने वाले मानवीय और आर्थिक नुकसान को कम करना, पर विशेष फोकस किया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के लोगों को भूकम्प जैसी परिस्थितियों के लिए जागरूक किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को भूकम्प के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए भूकम्प की मॉक ड्रिल के लिए एक दिन निर्धारित करते हुए नियमित रूप से भूकम्प जागरूकता दिवस मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे भूकम्प जैसी परिस्थिति में न्यूनतम मानवीय और आर्थिक नुकसान होगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि यूएसडीएमए द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों के साथ एक विस्तृत समझौता ज्ञापन किया जाए, जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए संस्थानों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि वाडिया संस्थान ग्लेशियर लेक पर काम कर रहा है तो आईआईटी, रूड़की भूकम्प जोखिम मूल्यांकन और शमन पर कार्य कर सकता है।

श्री बर्द्धन ने कहा कि भूकम्प के प्रति संवेदनशीलता की दृष्टि से भवन निर्माण के लिए कुछ मापदंड भी निर्धारित किए जाने चाहिए। उन्होंने भूकम्परोधी भवनों के सम्बन्ध सीबीआरआई के साथ समझौता ज्ञापन किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस अवसर पर सचिव, विनोद कुमार सुमन एवं अपर सचिव आनन्द स्वरूप सहित आईआईटी, रुड़की, वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान और सीबीआरआई के वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

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