श्रीगंगानगर , नवंबर 14 -- राजस्थान में भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा पंचायत समिति में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी शंकरलाल मीणा द्वारा उच्च अधिकारियों के मानसिक और प्रशासनिक प्रताड़ना से तनावग्रस्त होकर 11 नवम्बर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने की घटना ने पूरे राज्य के ग्राम विकास अधिकारियों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है।

इस घटना के विरोध में शुक्रवार को राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ के तत्वावधान में श्रीगंगानगर के जिला परिषद परिसर में एक श्रद्धांजलि एवं संकल्प सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान ग्राम विकास अधिकारियों ने काले वस्त्र धारण करके दिवंगत साथी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उच्च अधिकारियों की प्रताड़ना के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया।

सभा में संघ के जिला अध्यक्ष विनोद सुथार ने कहा कि यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि पूरे विभागीय तंत्र की खामियों को उजागर करती है। वक्ताओं ने कहा कि इससे पहले अजमेर जिले की पंचायत समिति केकड़ी में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी प्रवीण कुमार कुमावत ने भी 27 अक्टूबर को मानसिक अवसाद में आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। महज 15 दिनों के अंतराल में दो ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा उच्च अधिकारियों की मानसिक और प्रशासनिक प्रताड़नाओं से व्यथित होकर आत्महत्या कर लेने की इन घटनाओं ने राज्य के करीब 10 हजार ग्राम विकास अधिकारियों में जबरदस्त रोष उत्पन्न कर दिया है।

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