भीलवाड़ा , नवंबर 22 -- प्रसिद्ध पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने राजस्थान में भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा तहसील के बोरडा बावरियान वन क्षेत्र में 800 बीघा एवं आसींद के नारायणपुरा में 400 बीघा में हुई अवैध पेड़ों की कटाई के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से जांच एवं वन विभाग के दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।
श्री जाजू ने राज्य के मुख्य सचिव वी श्रीनिवास, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) आनन्द कुमार, केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सचिव तन्मय कुमार, प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री कार्यालय एवं सचिव, राष्ट्रपति कार्यालय को पत्र लिखकर यह मांग करते हुए डीएफओ गौरव गर्ग, एसीएफ पायल माथुर एवं रेंजर प्रभुलाल धुन पर मामले को दबाने और अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
श्री जाजू ने पत्र में बताया कि गत पांच नवंबर को फोरेस्टर विश्राम मीणा और सहायक वनपाल शंकर माली ने 800 बीघा क्षेत्र में अवैध कटाई की जानकारी तत्काल उच्च अधिकारियों को दी थी लेकिन इसके बावजूद डीएफओ दो दिनों तक मौके पर नहीं पहुंचे और न ही कटाई रोकने के लिए कोई कदम उठाए। उन्होंने पत्र में कहा कि पेड़ काटने वाले मुख्य आरोपी पीर मोहम्मद पर एफआईआर के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।उन्होंने वन विभाग के आला अधिकारियों पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने पत्र में वन अधिकारियों को संरक्षण देने वाले उच्चाधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने एवं वनों में पेड़ों के कटने से हुई हानि के बदले नये पौधे लगाने एवं उनकी रखरखाव का खर्च डीएफओ एवं एसीएफ से वसूल करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मामले को दबाने के लिए फोरेस्टर विश्राम मीणा और शंकर माली को निलंबित कर दिया गया। उन्होंने मांग की कि इन दोनों को बहाल किया जाना चाहिए, क्योंकि इन्होंने पेड़ों की अवैध कटाई को रोकने के लिए उच्च अधिकारियों को सूचित किया था।
श्री जाजू ने पत्र में डीएफओ गौरव गर्ग के निलंबन का स्वागत करते हुए पूरे मामले की एसीबी से जांच कराने की भी मांग की और कहा कि यदि उच्चाधिकारियों द्वारा दोषी अधिकारियों पर शीघ्र ही ठोस कार्यवाही नहीं होती है तो एनजीटी में गुहार की जायेगी और पौधे लगवाने का अनुरोध किया जायेगा।
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