भिण्ड , दिसंबर 22 -- मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले में सदियों तक बीहड़ों और दस्यु कथाओं के लिए पहचानी जाने वाली चंबल अब पर्यटन की नई पहचान गढ़ रही है। अटेर किले की तलहटी में बहती चंबल नदी इन दिनों पर्यटकों को खासा आकर्षित कर रही है। भुरभुरी रेत, खुला आसमान और राजस्थानी ऊंटों की सवारी का नजारा लोगों को गोवा के समुद्र तट जैसा अहसास करा रहा है। इसी क्रम में वन विभाग ने अटेर में चंबल नदी किनारे ऊंट सफारी की शुरुआत की है, जिसमें शुरुआत में स्थानीय लोगों के 11 ऊंट शामिल किए गए हैं।
ऊंट सफारी के लिए दो श्रेणियों में टिकट निर्धारित किए गए हैं। 200 रुपये के टिकट में पर्यटकों को चंबल नदी किनारे रेत पर करीब 2 से 2.5 किलोमीटर की सवारी कराई जाती है। वहीं 500 रुपये के टिकट में लगभग 10 किलोमीटर का ट्रैक शामिल है, जिसमें अटेर किला, चामुंडा देवी मंदिर, बीहड़ क्षेत्र और आसपास के ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन कराए जा रहे हैं। फिलहाल सफारी का समय सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक तय किया गया है। टिकट अटेर कस्बे के बाहर स्थित वन विभाग कार्यालय से ऑफलाइन खरीदे जा सकते हैं।
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