मुंबई , दिसंबर 01 -- बॉलीवुड अभिनेत्री कुब्रा सैत का कहना है कि यदि कलाकार अपनी भावनाओं तक पहुंचने के लिए तैयार नहीं हैं, तो वे कलाकार बन ही नहीं सकते है।

कुब्रा सैत हमेशा उस अंदरूनी दुनिया के बारे में बेबाकी से बात करती हैं, जो उनके अभिनय को आकार देती है। अपनी परफॉर्मेंसेज़ और जटिल किरदारों में पूरा ढल जाने की क्षमता के लिए जानी जाने वाली कुब्रा अक्सर उस भावनात्मक अनुशासन पर बात करती हैं, जिसकी मांग एक्टिंग करती है। इस व्यक्तिगत अनुभव में, वह उस पल को याद करती हैं जब उन्होंने सच में समझा कि अपनी जिम्मेदारी के साथ, साहस के साथ, और पूरी सजगता के साथ भावनाओं तक पहुँचना क्या होता है। उनके सफर की शुरुआत में मिली यह सीख आज भी यह उन्हें स्क्रीन के साथ जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

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