माउंट आबू , अक्टूबर 17 -- राजस्थान में पर्यटन स्थल माउंट आबू के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक भालू की हत्या के दो आरोपियों को शुक्रवार को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत दोषी करार देते हुए उन्हें दो- दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्याम सुंदर विश्नोई ने अभियुक्त सोमाराम पुत्र भीखाराम जोगी और इसी नाम के सोमाराम पुत्र सवाराम भील को भालू की हत्या करके उसके अंग निकालने का दोषी करार देते हुए उन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी किया।

गौरतलब है कि माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य में 12 दिसम्बर 2016 में दोनों अभियुक्त एक भालू की हत्या करके उसके नाखून और अन्य अंग निकालकर ले गये थे।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित