नयी दिल्ली , नवंबर 26 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांसिसी कंपनी सफरान से भारत में ही विमानों के इंजन और कल पुर्जों के डिजाइन की संभावनाओं का पता लगाने और अंतरिक्ष यानों की प्रणोदन प्रणालियों के डिजाइन तथा विनिर्माण के लिए भारत में मौजूद अवसरों तथा प्रतिभाओं का उपयोग करने की अपील की है।
श्री मोदी ने मंगलवार को यहां सफरान के विमान इंजनों के रख रखाव , मरम्मत और ओवरहालिंग (एमआरओ) केंद्र का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण किया। उन्होंने भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहे घरेलू नागर विमानन सेवा क्षेत्र और भारतीय एयरलाइन कंपनियों की ओर से बड़ी संख्या में विमानों की खरीद की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब हर सेक्टर में उत्पादों का डिजाइन तैयार करने के लिए डिजाइन -इन- इंडिया को भी बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित कर रहा है। सफरान की यह सुविधा विमान इंजनों की बड़े स्तर की मरम्मत की पहली अत्याधुनिक सुविधा है।
सफरान की यह सुविधा लीप(लीडिंग एज एविएशन प्रोपल्शन) इंजन के लिए है जो एयरबस ए320 नियोऔर बोइंग 737 मैक्स विमानों की ताकत हैं। हैदराबाद की यह सुविधा दुनिया की सबसे बड़ी इंजन एमआरओ केंद्र है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सिर्फ नागर विमानन क्षेत्र के लिए एमआरओ सुविधा तक सीमित नहीं रहना चाहता बल्कि जहाजरानी से जुड़े एमआरओ पारिस्थितिकी तंत्र पर भी बहुत बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ' मैं सफरान की टीम से आग्रह करूंगा कि आप भारत में एयरक्राफ्ट इंजन और उसके कल पुर्जों का डिजाइन तैयार करने की संभावनओं की तलाश करें। इसमें सूक्ष्म , लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का, हमारा बहुत बड़ा नेटवर्क और हमारा युवा प्रतिभाओं की फौज आपको बहुत मदद करेगी।"अंरिक्ष यानों की प्रणोदन प्रणालियों पर सफरान के बड़े स्तर के काम का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं चाहूंगा कि आप प्रोपल्शन डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी भारत के टैलेंट को और अवसरों का उपयोग करें।"केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ,सफरान के निदेशक मंडल के अध्यक्ष रास मैक इन्नेस और मुख्य कार्यकारी ओलिवियर एंड्रीज तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नयी सुविधा से विमान इंजनों की मरम्मत का बड़ा काम अब भारत में ही होने लगेगा।
श्री मोदी ने कहा कि भारत का नागर विमान क्षेत्र अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ा है और इस समय दुनिया के सबसे तेजी से बढ़े घरेलू नागर विमान बाजार में शामिल है। भारत में विमानन सेवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है और एयरलाइन कंपनियों ने अपने विमान बेड़ों के विस्तार के लिए 1500 से ज्यादा नए विमानों की खरीद के आर्डर दिये हैं।
उन्होंने कहा, ' आज से भारत का नागर विमान क्षेत्र एक नई उड़ान भरने जा रहा है। सफरान की यह नई सुविधा भारत को एक वैश्विक एमआरओ केन्द्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी। यह सुविधा हाईटेक एयरोस्पेस की दुनिया में युवाओं के लिए नए अवसर भी बनाएगी।'श्री मोदी ने कहा कि विमानन सेवाओं के बढ़ने के साथ भारत में एमआरओ की सुविधाओं की ज़रूरत भी बढ़ रही है। हमारा 85 प्रतिशत एमआरओ का काम देश के बाहर होता आ रहा है। इससे खर्च बढ़ता था, समय ज्यादा लगता था, और एयरक्राफ्ट लंबे समय तक ग्राउंडेड रहते थे।
उन्होंने कहा, 'यह स्थिति भारत जैसे विशाल विमानन बाजार के लिए ठीक नहीं थी। इसलिए आज भारत सरकार देश के, दुनिया के एक बड़े एमआरओकेंद्र के रूप में विकसित कर रही है। अब पहली बार देश में एक विश्व स्तर की विमान मरम्मत की सुविधा स्थापित की जा रही है।
उन्होंने गत 24 नवंबर के निदेशक मंडल और प्रबंधकों की टीम से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि उनमें उन्हें भारत को लेकर विश्वास और उम्मीद दिखाई दी है। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जतायी की सफरान भारत में निवेश की इसी गति को आगे भी जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि एमआरओ के काम के लिए भारत में वैश्विक प्रशिक्षण, जानकारी देने और भारत के संस्थानों के साथ साझेदारी में फ्रांसिसी कंपनी के साथ साझेदारी में एक कार्यबल तैयार होगा, जो आने वाले वर्षों में पूरे एमआरओ पारिस्थितिकी तंत्र को नई गति, नई दिशा देगा।
श्री मोदी ने कहा कि आज का भारत सिर्फ बड़े सपने नहीं देख रहा है बल्कि बड़े फैसले ले रहा है और उनसे भी बड़ी उपलब्धि हासिल कर रहा है। इसे देखते हुए भारत का बहुत जोर कारोबार की आसानी पर है। वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कुछ बड़े सुधार किये गये हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने अर्थव्यवस्था विदेशी सामान, पूंजी तथा प्रौद्योगिकी के लिए खुला बनाने, घरेलु बुनियादी मजबूती के काम , कारोबार को आसान बनाने के काम का उल्लेख किया।
उन्होंने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, श्रम, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना, नियमों प्रक्रियों के अनुपालन को आसान बनाने जैसे कदमों का उल्लेख करते हुए कहा ,'आज भारत को एक भरोसेमंद भागीदीर, एक बड़ा बाजार और एक उभरते विनिर्माण केंद्र हब के रूप में देखा जा सकता है।"हैदराबाद में जीएमआर एयरोस्पेस एंड इंडस्ट्रियल पार्क - विशेष आर्थिक क्षेत्र में दर 45,000 वर्ग मीटर में फैली सफरान की यह सुविधा करीब 1,300 करोड़ के शुरुआती निवेश से खड़ी की गई है। इसमें हर साल 300 लीप इंजन की सर्विस की जा सकती है। यह 2035 तक अपनी पूरी क्षमता पर काम कर रही होगी और उस समय इसमें 1,000 से ज़्यादा बहुत कुशल भारतीय टेक्नीशियन और इंजीनियर काम पर लगे होंगे।
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