संयुक्त राष्ट्र/नयी दिल्ली, सितंबर 26 -- भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के एकजुट होने की आवश्यकता पर बल दिया है।

भारत ने "आतंकवाद पीड़ितों के मित्र समूह" की छठी मंत्रिस्तरीय बैठक में सीमा पार आतंकवाद के संकट का उल्लेख किया और आतंकवाद के प्रति अपने शून्य सहिष्णुता वाले दृष्टिकोण को दोहराया है।

सचिव 'पश्चिम राजदूत' सिबी जॉर्ज ने इस बैठक में भारत का पक्ष रखा। उन्होंने सार्वजनिक सेवा वितरण में जवाबदेही, पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ाने, नागरिकों के बीच विश्वास,सामाजिक सामंजस्य एवं स्थायी शांति को बढ़ावा देने के लिए जन-केंद्रित तकनीकी प्रगति का लाभ उठाने पर जोर देते हुए कहा कि समूचा विश्व एक परिवार की तरह है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि शांति निर्माण कार्य मांग-आधारित और राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए।"उन्होंने फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी की मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। राजदूत जॉर्ज ने अपने संबोधन में, इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत इस एजेंसी का एक विश्वसनीय साझेदार है, और वह इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से जुड़ा रहेगा।

इसके अलावा, उन्होंने यूरोपीय संघ की 'बाह्य कार्रवाई सेवा' की महासचिव सुश्री बेलेन मार्टिनेज़ कार्बोनेल से भी मुलाकात की।

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