लखनऊ , अक्टूबर 24 -- भारत और खाड़ी क्षेत्र के क्रेनियोफेशियल सर्जनों के साझा सहयोग और ज्ञानवर्धन के उद्देश्य से गठित भारत-खाड़ी क्रेनियोफेशियल सोसाइटी (इंडो-गल्फ क्रेनोफेशियल सोसाइटी) की चौथी वार्षिक बैठक 25 और 26 अक्टूबर को लखनऊ और आगरा में आयोजित की जा रही है।
एसजीपीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो राजीव अग्रवाल ने बताया कि बैठक के पहले दिन क्रेनियोफेशियल सर्जरी पर विशेष व्याख्यान होंगे। दोपहर सत्र में तीन प्रमुख हैंड्स-ऑन वर्कशॉप्स आयोजित की जाएँगी। जिनमे कटे होंठ की सर्जरी, कटे तालु की सर्जरी, क्रेनियोफेशियल फिक्सेशन तकनीक शामिल है।
उन्होंने बताया कि इन सत्रों में देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों और ओमान से आए स्नातकोत्तर छात्रों को सर्जरी की नवीनतम विधियों पर प्रत्यक्ष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। भारत-खाड़ी क्रेनियोफेशियल सोसाइटी का उद्देश्य केवल सर्जरी तकनीक का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि भारत और खाड़ी देशों के बीच चिकित्सीय सहयोग, कौशल संवर्धन और अनुसंधान के क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी को सशक्त बनाना है।
प्रोफेसर ने कहा कि भारत और खाड़ी क्षेत्र दोनों में क्रेनियोफेशियल विकृतियाँ अपेक्षाकृत आम हैं, जिनका उपचार अत्यंत जटिल है। इन मामलों में प्रशिक्षित विशेषज्ञों की संख्या सीमित होने के कारण, आईसीजीएस अगली पीढ़ी के सर्जनों को तकनीकी दक्षता और अनुभव प्रदान करने के लिए निरंतर कार्यरत है।
गौरतलब है कि आईजीसीएस सोसाइटी की स्थापना मार्च 2023 में लखनऊ में डॉ. तैमूर अल बुलुशी और डॉ. राजीव अग्रवाल के संयुक्त प्रयासों से की गई थी। दोनों वरिष्ठ सर्जनों ने भारत और खाड़ी देशों के क्रेनियोफेशियल विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने का विचार प्रस्तुत किया था ताकि इस क्षेत्र में प्रशिक्षण, अनुसंधान और नवीनतम तकनीकों का आदान-प्रदान हो सके। इस प्रस्ताव को भारत के अग्रणी सर्जनों ने तुरंत स्वीकार किया और इसी के साथ आईजीसीएस की औपचारिक स्थापना हुई। गठन के बाद डॉ. राजीव अग्रवाल को सोसाइटी का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
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