नयी दिल्ली , दिसम्बर 22 -- उप राष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन ने कहा है कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने में युवा अधिकारियों की ऊर्जा और नया करने की सोच महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

श्री राधाकृष्णन ने सोमवार को यहां उपराष्ट्रपति भवन में भारतीय रक्षा लेखा सेवा के वर्ष 2023 और 2024 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि रक्षा लेखा विभाग की 275 वर्षों से अधिक पुरानी समृद्ध तथा गौरवशाली विरासत है, जो इसे सरकार के सबसे पुराने विभागों में से एक बनाती है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र 2047 तक विकसित भारत बनने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है इसे हासिल करने में सिविल सेवकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि ये समावेशी हों और इनका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा अधिकारियों की ऊर्जा और नयी सोच राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि उन्हें सेवा भाव और कर्तव्य बोध को अपना मार्गदर्शक मंत्र बनाना चाहिए।

भारतीय रक्षा लेखा सेवा के महत्व को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह सेवा भारतीय सशस्त्र बलों और संबद्ध संगठनों के वित्तीय संसाधनों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रक्षा सेवाओं की लेखा एवं वित्तीय प्राधिकरण के रूप में कार्य करते हुए अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय सशस्त्र बलों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों को समझना और आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करने के लिए विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है।

श्री राधाकृष्णन ने जोर देकर कहा कि ईमानदारी, पारदर्शिता, सतर्कता और जवाबदेही के उच्चतम मानकों को बनाए रखना आवश्यक है, क्योंकि सार्वजनिक धन करदाताओं की कड़ी मेहनत की कमाई का होता है।

उपराष्ट्रपति ने तेज़ी से बदल रहे प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक विकास के युग में निरंतर क्षमता निर्माण के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को आजीवन सीखने के लिए ' कर्मयोगी' जैसे प्लेटफॉर्म का प्रभावी उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।

लोक सेवा में मूल्यों का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ज्ञान आवश्यक है, लेकिन 'चरित्र सर्वोपरि' है। उन्होंने अधिकारियों को याद दिलाया कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों में से उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक दुर्लभ अवसर सौंपा गया है और उन्हें इस जिम्मेदारी का निर्वहन विनम्रता और समर्पण के साथ करना चाहिए।

इस कार्यक्रम में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, नियंत्रक महालेखा रक्षा विश्वजीत सहाय, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) राज कुमार अरोड़ा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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