नयी दिल्ली , नवंबर 11 -- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भविष्य में भारत का चिकित्सा बाजार एक ट्रिलियन (एक लाख करोड़ रुपये) से अधिक का हो सकता है। श्री गोयल ने यह दावा यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में किया।
श्री गोयल ने कहा कि सीआईआई के अनुसार चिकित्सा बाजार 100 बिलियन डॉलर (करीब 8,868 अरब रुपये) का है, जबकि मेरे अनुसार यह 800 बिलियन डॉलर (80,000 करोड़ रुपये ) का है जो आगामी भविष्य में एक ट्रिलियन डॉलर (एक लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच सकता है। इसमें चिकित्सा के सथ वेलनेस को भी शामिल किया जा सकता है।
वहीं श्री गोयल ने कहा कि भारत में किफायती मूल्यों पर वैश्विक मानक के अनुरूप चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध होने से मेडिकल टूरिज्म का भविष्य बेहद उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये केंद्र सरकार नीतिगत फैसले लेगी और नियमों को आसान भी बनाएगी।
श्री गोयल ने कहा कि मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये इलाज के लिये आगमन वीजा की सुविधा देने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ को इस विचार पर काम करने और सरकार के साथ साझा करने का सुझाव दिया।
श्री गोयल ने अपने संबोधन के शुरूआत में लाल किला बम धमाके में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी और घायलों को शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने इस हादसे के बाद लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा घायलों को बचाने के लिये उनके सेवा भाव की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोविड काल में चिकित्सकों के योगदान को भूलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि देश के एक अरब चालीस करोड़ लोगों की सेवा और इलाज करने के लिये चिकित्सकों प्रति आभार प्रकट करता हूं।
श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि बेहतर स्वास्थ्य किसी भी समाज का आधार होता है। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिये चिकित्सक, चिकित्सा से जुड़े सभी वर्ग, चिकित्सा से उत्पाद तैयार करने वाले, परंपरागत चिकित्सा समाज से जुड़े लोग इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला है। इन सभी बातों के लिये केंद्र सरकार बेहतर नेतृत्व के साथ बेहतर अवसर भी प्रदान करेगी।
श्री गोयल ने कहा कि भारत वैश्विक मानकों के अनुरूप कम मूल्य में गुणवत्ता परक चिकित्सा विश्व को उपलब्ध करायेगा। इसमें उच्च स्तरीय सर्जरी, ऑपरेशन से पहले और बाद की चिकित्सा सुविधा उपलबध करायी जायेगी।
श्री गोयल ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य सुविधा उपभोक्ता स्तर पर बढ़ने के साथ ही सरकार के स्तर पर चिकित्सा व्यय में बढ़ोतरी की जा रही है।
2014 में सरकार बनने पर सिर्फ सात आल इंडिया मेडिकल साइंसेज (एम्स) थे, पूरे देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे। पिछले एक दशक में हमने 16 एम्स बनाने के साथ इसकी संख्या बढ़ाकर 23 कर दी। इसके अलावा हमने इस दौरान मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाकर करीब दोगुनी करते हुये इसकी संख्या 706 कर दी है।
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