नयी दिल्ली , अक्टूबर 30 -- विदेश मंत्री डा. एस.जयशंकर ने भारत और साइप्रस दोनों के साथ मजबूत संबंधों को प्राथमिकता करार देते हुए कहा है कि उन्होंने आज यहां साइप्रस के विदेश मंत्री डॉ. कॉन्स्टेंटिनोस कोम्बोस के साथ वार्ता में भारत-साइप्रस संयुक्त कार्य योजना की समीक्षा के साथ-साथ वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति , क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के बारे में व्यापक विचार विमर्श किया। डा.जयशंकर ने भारत यात्रा पर आए साइप्रस के विदेश मंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-साइप्रस संयुक्त कार्य योजना 2025-2029 की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति, संबंधित क्षेत्रों के विकास और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले वर्ष साइप्रस के यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभालने के साथ भारत-यूरोपीय संघ के संबंध और अधिक मजबूत होंगे।
विदेश मंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा , " आज नई दिल्ली में साइप्रस के विदेश मंत्री डॉ. कॉन्स्टेंटिनोस कोम्बोसका स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। हमने भारत-साइप्रस संयुक्त कार्य योजना 2025-2029 की समीक्षा की, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस वर्ष जून में साइप्रस यात्रा के दौरान नेताओं द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी। हमारी चर्चाओं में वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति, हमारे संबंधित क्षेत्रों के विकास और बहुपक्षीय मंचों पर हमारे सहयोग पर भी चर्चा हुई। 2026 में साइप्रस के यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभालने के साथ, हमें विश्वास है कि भारत-यूरोपीय संघ के संबंध और भी मजबूत होंगे।"वार्ता शुरू होने से पहले डा. जयशंकर ने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान व्यापक साझेदारी के कार्यान्वयन पर जारी संयुक्त घोषणापत्र कई नए क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने शीर्ष नेतृत्व के विचारों के अनुरूप भारत-साइप्रस संयुक्त कार्य योजना 2025-2029 तैयार की है कुछ ही महीनों के भीतर इस योजना पर काम भी शुरू हो गया और इसकी समीक्षा भी की जा रही है।
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