नयी दिल्ली 01 एक अक्टूबर (वार्ता) भारत और उज्बेकिस्तान ने आतंकवाद की चुनौती का मिलकर मुकाबला करने तथा इस क्षेत्र में सहयोग बढाने के लिए सूचना साझा करने , क्षमता निर्माण और सर्वोत्तम तौर तरीकों के आदान-प्रदान की जरूरत पर बल दिया है। दोनों देशों ने पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए आतंकवाद से संबंधित मौजूदा और उभरती चुनौतियों पर भी चर्चा की।
भारत-उज़्बेकिस्तान आतंकवाद रोधी संयुक्त कार्य समूह की नौवीं बैठक मंगलवार को ताशकंद में हुई। बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (आतंकवाद निरोधक) डॉ. विनोद जे. बहाडे और उज़्बेकिस्तान के विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका सहयोग विभाग के प्रमुख श्री गुलोमजोन पिरिमकुलोव ने की।
दोनों पक्षों ने वैश्विक स्तर पर और अपने-अपने क्षेत्रों में आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न खतरों पर चर्चा की। उन्होंने आतंकवाद से निपटने में मौजूदा और उभरती चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिनमें उग्रवाद और कट्टरपंथ का मुकाबला, आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला, आतंकवादी उद्देश्यों के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को रोकना, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच गठजोड़ और आतंकवादियों की वैश्विक आवाजाही जैसे मुद्दे शामिल हैं। दोनों पक्षों ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की निंदा की।
उन्होंने सूचना साझा करने क्षमता निर्माण और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से आतंकवाद से निपटने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूत करने के उपायों पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र, एससीओ-आरएटीएस और ईएजी सहित बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग मज़बूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
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