वाशिंगटन/ नयी दिल्ली , अक्टूबर 8 -- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने बुधवार को कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि के एक प्रमुख इंजन के रूप में उभरा है। सुश्री जॉर्जीवा ने विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की वाशिंगटन में आयोजित वार्षिक बैठक से पहले एक कार्यक्रम में यह बात कही। उनकी टिप्पणी ऐसे समय आयी है जबकि विश्व अर्थव्यवस्था अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आयात शुल्क नीति के आघात से पीड़ित है।उन्होंने मिल्केन एंड संस्थान भारत की व्यापारिक वस्तुओं पर अमेरिका में भारी प्रशुल्क लगाए जाने का भी उल्लेख किया लेकिन उसके असर को लेकर कोई गंभीर बात नहीं कही।
मुद्रा कोष की प्रमुख ने कहा, "वैश्विक आर्थिक आर्थिक वृद्धि के पैटर्न पिछले कुछ वर्षों से बदल रहे हैं , विशेष रूप से चीन की वृद्धि दर में लगातार गिरावट आ रही है, जबकि भारत वृद्धि के एक प्रमुख इंजन के रूप में विकसित हो रहा है।"उल्लेखनीय है कि लगभग सभी एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमानों को संशोधित कर 6.3-6.9 प्रतिशत के दायरे में रखा है।
उन्होंने कहा कि इस समय विश्व अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन आशंकाओं के विपरीत बेहतर लेकिन, जरूर से खराब है। विश्व अर्थव्यवस्था में यह सुधार अमेरिकी अर्थव्यवस्था की उम्मीद से अच्छे प्रदर्शन और भारत सहित महत्वपूर्ण उभरती अर्थव्यवस्थाओं के अच्छे प्रदर्शन का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर संकेत यही है की विश्व अर्थव्यवस्था तमाम झटकों के समक्ष का कुल मिलाकर मजबूत कड़ी है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के नीतिगत आधार में सुधार हुआ है, निजी क्षेत्र ने परिस्थितियों के अनुसार अपने को ढाला है और व्यापार प्रशुल्क अनुमानों से कम स्तर पर है। उन्होंने कहा कि विश्व ने प्रशुल्क के मामले में "जैसा -को - तैसा" वाली नीति से फिलहाल अपने को बचा लिया है। उनका तात्पर्य डोनाल्ड ट्रंप की आयत शुल्क नीति पर शेष विश्व के संतुलित रवैया की ओर था।
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