नयी दिल्ली , नवंबर 18 -- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत-अमेरिका भागीदारी मजबूत है तथा रणनीतिक एवं आर्थिक क्षेत्रों में इसका निरंतर विस्तारित होता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय सम्बंधों को लेकर चिंता का कोई कारण नहीं है, क्योंकि दोनों देशों की मित्रता लोकतंत्र, विविधता और साझा विकासात्मक सोच के मजबूत स्तंभों पर टिकी है। श्री गोयल राजधानी में इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स को संबोधित कर रहे थे।

वाणिज्य मंत्री ने यह बात ऐसे समय कही है, जबकि अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर अगस्त में शुल्क दो गुना कर 50 प्रतिशत कर दिया है, जिससें अमेरिकी बाजार में भारतीय माल के निर्यात में पिछले दो माह में सालाना आधार पर तेज गिरावट दर्ज की गयी है। भारत और अमेरिका इस समय द्वीपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत में लगे हुए हैं।

श्री गोयल ने यह भी कहा कि व्यापार के बारे में वार्ता एक सतत प्रक्रिया है और भारत को अपने किसानों, मछुआरों, लघु उद्योगों और व्यवसायों की संवेदनशीलता को संतुलित करते हुए अपने हितों की रक्षा करनी है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानता है और दोनों देश व्यापार एवं वाणिज्य के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका जैसी व्यापक साझेदारी में कई तत्व शामिल होते हैं जो अलग-अलग गति से आगे बढ़ सकते हैं।

श्री गोयल ने कहा कि कि भारत 2027 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। श्री गोयल मजबूत बैंकिंग प्रणाली, कम मुद्रास्फीति, नियंत्रित राजकोषीय घाटा, बढ़ती उपभोक्ता भावना और जीएसटी सुधारों द्वारा समर्थित अवसरंचना विस्तार को देश की मजबूत आर्थिक बुनियादी कारकों में प्रमुख योगदानकर्ता बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस कथन का उल्लेख भी किया कि भारत न केवल एक उभरता हुआ बाजार है बल्कि विकास का उभरता हुआ मॉडल भी है। उन्होंने भारत मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी कारकों के साथ विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है। इन बुनियादी कारकों में समावेशी और सतत विकास, नागरिकों के कल्याणकारी विकास का मॉडल, एक जीवंत लोकतंत्र और कौशल सम्पन्न एवं प्रतिभाशाली युवाओं के नेतृत्व में भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश की शक्ति शामिल है।

उन्होंने कहा कि भारत प्रति वर्ष विज्ञान, प्राैद्योगिकी, इंजीनियरिंग तथा गणित में शिक्षित 24 स्नातक तैयार करता है और कई विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (या तो संपन्न या बातचीत के दौर में) के माध्यम से साझेदारी को और गहरा कर रहा है।

श्री गोयल ने कहा कि वर्तमान वृद्धि दर के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था हर आठ साल में दोगुनी हो रही है और 2047 तक देश को 30-35 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है। उन्होंने राज्यों में तीव्र परिवर्तन का भी उल्लेख किया और उत्तर प्रदेश को पिछले आठ वर्षों में हुए एक शानदार आर्थिक रुपांतरण का एक उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भारी मात्रा में निवेश के साथ एक पसंदीदा निवेश स्थल बन गया है और उसकी लगातार निगरानी की जा रही है।

उन्होंने भारत की विकास यात्रा को अनुकूलता, विश्वसनीयता और सुरक्षा की गाथा बताते हुए कहा कि मज़बूत शासन व्यवस्था ने जनजातीय और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में शिक्षा, आवास और रोज़गार को संभव बनाया है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में चार करोड़ निर्धन परिवारों को निःशुल्क आवास मिले हैं और वर्तमान कार्यकाल में दो करोड़ अतिरिक्त आवास बनाने की योजना है।

श्री गोयल ने कहा कि भारत की आज की क्षमता एक सुरक्षित राष्ट्र, स्वच्छ शासन, निर्णायक नेतृत्व और निरंतर सुधारों पर आधारित है। देश की आयाबदी की औसत आयु 28.4 वर्ष है और इसके युवा बेहतर जीवन की तलाश करते हुए आर्थिक वृद्धि को गति दे रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि वैश्विक अस्थिरता और चुनौतियों के बावजूद, भारत की छवि स्थिरता के हब के रूप में बनी हुई है। उन्होंने रेखांकित किया कि पिछले 11 वर्षों में भारतीय शेयर बाजार लगभग साढ़े चार गुना बढ़ा है, और 2,000 से अधिक ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी)में से कई अमेरिका से हैं, भारत में कार्यरत हैं और भारतीय प्रतिभाओं का लाभ उठा रहे हैं।

उन्होंने हाल ही में शुरू किये गये स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दूसरे फंड ऑफ फंड्स और अनुसंधान, विकास एवं नवोन्मेषण के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड को संदर्भित करते हुए कहा कि सरकार स्टार्टअप्स, उद्यमिता और नवोन्मेषण को सहायता दे रही है।

श्री गोयल ने कहा कि भारत वैश्विक व्यवसायों के लिए सबसे बड़े अवसरों में से एक है। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, डिज़ाइन और उन्नत तकनीकों जैसे सेक्टरों में में नये विचारों, प्रौद्योगिकी अपनाने और नवोन्मेषण पर अमेरिकी कंपनियों के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित