कन्नूर , अक्टूबर 31 -- भारतीय हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर और केरल के पहले ओलंपिक पदक विजेता मैनुअल फ्रेडरिक का शुक्रवार को बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे।

वह 78 साल के थे। उनकी पत्नी, सीथला का पिछले सितंबर में निधन हो गया था। उनके परिवार में उनकी दो बेटियां, फ्रेशिना प्रवीण (बेंगलुरु) और फेनिला टिनू थॉमस (मुंबई) हैं। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार कल बेंगलुरु में किया जायेगा।

20 अक्टूबर 1947 को कन्नूर के पास बर्नसेरी में जोसेफ और सारा के घर जन्मे मैनुअल ने कन्नूर के सेंट माइकल एंग्लो-इंडियन स्कूल और बाद में बेंगलुरु के आर्मी स्कूल में पढ़ाई की और उसके बाद वह 1965 में भारतीय सेना में शामिल हो गए। कन्नूर के रहने वाले मैनुअल बाद में अपने परिवार के साथ बेंगलुरु चले आये और वहां रहने लगे।

मैनुअल फ्रेडरिक ने सर्विसेज, मोहन बागान और बॉम्बे हॉकी टीम के लिए बतौर गोलकीपर खेले। वह 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में नीदरलैंड को हराकर कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम में गोलकीपर थे। उन्होंने 1978 में अर्जेंटीना में हुए हॉकी विश्व कप में भी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। इस टूर्नामेंट में टीम चौथे स्थान पर रही थी। 2019 में उन्हें भारतीय खेलों में उनके योगदान के लिए ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

वह हॉकी में केरल के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी थे। उनकी इस उपलब्धि के 49 साल बाद केरल के पीआर श्रीजेश ने गोलकीपर के रूप में 2021 और 2024 में भारत के लिए ओलंपिक कांस्य पदक जीता। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए केरल सरकार ने उन्हें 2019 में पल्लियामूल्ला में मुफ्त जमीन और घर दिया था। 2021 में, कन्नूर कॉर्पोरेशन ने टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की हॉकी में भारत के कांस्य पदक जीतने के दिन पय्यमबलम बीच-पल्लियामूल्ला रोड का नाम बदलकर 'ओलंपियन मैनुअल फ्रेडरिक रोड' कर दिया।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित