पटना, सितंबर 26 -- बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य केवल कला का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा की आत्मा हैं।
राजधानी पटना स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आज से तीन दिवसीय दुर्गा स्वरोत्सव 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। स्पिक मैके, श्रीम एजुकेशनल ट्रस्ट, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रीकृष्ण स्मारक समिति, आयुक्त कार्यालय (पटना प्रमंडल) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सांगीतिक उत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, सांसद रविशंकर प्रसाद, समाज कल्याण विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव प्रणव कुमार, पटना आयुक्त डॉ. चंद्रशेखर सिंह, स्पिक मैके की पूर्व अध्यक्ष डॉ. माया शंकर ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर राज्यपाल श्री खान ने कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य केवल कला का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा की आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने और हमारी समृद्ध विरासत को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। उन्होंने आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि पटना जैसे ऐतिहासिक शहर में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कला और संस्कृति को नई ऊर्जा प्रदान करता है।
इस मौके पर प्रख्यात शास्त्रीय गायक पद्मश्री पंडित उल्लास काशलकर ने राग यमन और गौर मल्हार पर शानदार प्रस्तुति दी जबकि पद्मभूषम पंडित विश्वमोहन भट्ट ने भी अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।कार्यक्रम में पंडित उल्लास काशलकर का साथ तबला पर पद्मश्री पंडित सुरेश तलवालकर ने जबकि हॉर्मोनियम पर पंडित विनय मिश्रा ने दिया। वहीं पंडित विश्वमोहन भट्ट का तबला पर साथ पंडित राम कुमार मिश्रा ने दिया।
स्पिक मैके के संयोजक मनीष सिंह ठाकुर ने कहा कि अगले दो दिनों तक शास्त्रीय संगीत और नृत्य की अनूठी प्रस्तुतियों की श्रृंखला जारी रहेगी। कार्यक्रम के दूसरे दिन पंडित रितेश मिश्रा, पंडित रजनीश मिश्रा, पंडित रोनू मजूमदार, मैसूर मंजूनाथ अपनी प्रस्तुति देंगे। तीसरे और समापन दिवस पर विदुषी सूर्या गायत्री और विदुषी तनुश्री शंकर अपनी प्रस्तुति से समापन समारोह को विशेष बनाएंगी।
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