कोटा , अक्टूबर 25 -- लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के शुभ अवसर पर भारतीय रेलवे द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए देशभर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर छठ पूजा के पारंपरिक गीतों का प्रसारण प्रारंभ किया गया है। रेलवे के सूत्रोंं ने शनिवार को बताया कि पटना, दानापुर, हाजीपुर, भागलपुर, जमालपुर, सोनपुर, नयी दिल्ली, गाज़ियाबाद, आनंद विहार टर्मिनल सहित 30 से अधिक प्रमुख स्टेशनों पर उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से ये गीत यात्रियों को अपनी संस्कृति और परंपरा से जोड़ रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि स्टेशन पर गूंज रहे 'केलवा के पात पर उगेलन सुरुजदेव' और 'कांच ही बांस के बहंगिया' जैसे गीत उन्हें अपने घर और आस्था से जुड़ने का एहसास करा रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि कोटा मंडल ने भी इस सांस्कृतिक पहल को अपनाते हुए यात्रियों के सफर को भावनात्मक रंग दिया है। मंडल के कोटा एवं सोगरिया रेलवे स्टेशनों पर बिहार की दिशा में प्रस्थान करने वाली छठ पूजा विशेष रेलगाड़ियों के रवाना होने से पूर्व स्टेशन परिसर में छठ पूजा के पारंपरिक गीतों का प्रसारण किया जा रहा है। 'छठी मइया के करब हम वरतिया' और 'मांगेला हम वरदान हे गंगा मइया' जैसे गीतों से स्टेशन परिसर भक्ति और उल्लास से गूंज रहा है। इससे यात्रियों को न केवल अपने घर की याद ताजा हो रही है, बल्कि त्योहार की पवित्रता और भावनात्मक माहौल का भी अनुभव हो रहा है।

रेलवे प्रशासन ने इस पहल के साथ यात्रियों की सुविधा के लिए भी कई इंतज़ाम किए हैं। प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों के लिए प्रतीक्षा स्थल बनाये गये हैं, जहां वे अपनी रेलगाड़ियों का इंतज़ार आराम से कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे पुलिस बल कर्मियों की अतिरिक्त तैनाती और सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था भी की गयी है।

सू्त्रों ने बताया कि यह पहली बार है, जब भारतीय रेलवे ने किसी त्योहार के अवसर पर स्टेशन उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से भक्ति गीतों का प्रसारण आरंभ किया है। विशेष रूप से बिहार एवं उत्तर भारत की दिशा में यात्रा करने वाले यात्री इस प्रयास से गहरी भावनात्मक जुड़ाव महसूस कर रहे हैं। महिला यात्रियों ने इसे 'घर जैसी अनुभूति' बताते हुए रेलवे की इस पहल की सराहना की है।

रेलवे प्रशासन के अनुसार यह पहल न केवल यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव को भक्ति और उल्लास से भर रही है, बल्कि बिहार और पूर्वी भारत की लोक संस्कृति को देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाने का भी एक सुंदर माध्यम बन गयी है।

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