लखनऊ , अक्टूबर 16 -- समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने बिजली व्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। आए दिन बिजली कटौती और बिजली दरों में लगातार वृद्धि से आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन अपने ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है और उपभोक्ताओं का शोषण कर रहा है।
दस सितम्बर से छह अक्टूबर तक 1.74 लाख नए बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन हुए, लेकिन बढ़ी हुई दरों की वजह से 37,043 आवेदनों पर कार्यवाही लंबित रह गई। विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट प्रीपेड मीटरों पर अंतिम निर्णय आने तक उपभोक्ताओं से ली गई धनराशि वापस करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि विद्युत अधिनियम 2003 के तहत उपभोक्ता को प्रीपेड या पोस्टपेड मीटर का विकल्प चुनने का अधिकार है, परंतु विभागीय मनमानी के चलते यह अधिकार छीना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन की नीतिगत खामियों और भ्रष्टाचार के कारण उसका घाटा बढ़ा है, जिसकी भरपाई उपभोक्ताओं से वसूली के जरिए की जा रही है। नए कनेक्शन के साथ प्रीपेड मीटर अनिवार्य करने की नीति जनता के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बिजली व्यवस्था को पूंजीपतियों के हवाले करने की साजिश कर रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने खुद कोई उत्पादन नहीं बढ़ाया, फिर भी बिजली को महंगा कर दिया गया है। गरीब उपभोक्ताओं के लिए एक हजार रुपये में मिलने वाला कनेक्शन अब छह हजार रुपये में मिलेगा। गांवों में एक किलोवाट लोड पर कनेक्शन चार्ज 1,172 रुपये से बढ़कर 6,216 रुपये कर दिया गया है यानी 5.3 गुना वृद्धि। उन्होंने कहा कि बिना नियामक आयोग की जानकारी के बिजली दरें बढ़ाना और नए नियम थोपना पूर्णतः अवैध है।
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