रांची, 09अक्टूबर (वार्ता)झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि झारखंड के युवाओं के साथ वास्तविक विश्वासघात वे लोग कर रहे हैं, जिन्होंने 17-18 साल इस राज्य पर शासन किया और एक भी नियमित भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं की।
श्री पांडेय ने कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा रद्द करने का फैसला पारदर्शिता और तकनीकी शुचिता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। यही निर्णय एक जिम्मेदार सरकार का संकेत है। भाजपा शासन काल में प्रतियोगी परीक्षाओं का बेडागर्क किया गया जिसे सुधार कर हेमंत सरकार ने पारदर्शी बनाया है।
उन्होंने कहा, "भाजपा के नेताओं को यह बात समझनी चाहिए कि पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कभी-कभी कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं। सरकार जो भी निर्णय ले रही है वह युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए ले रही है। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी युवाओं के नाम पर सस्ती राजनीति कर रहे हैं। वे यह भूल जाते हैं कि भाजपा शासनकाल में कितनी बार नियुक्तियों की अधिसूचनाएं जारी कर उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री रहते जेपीएससी की जो दुर्दशा हुई उसे ये राज्य कभी भुला नहीं सकता। रघुवर सरकार के समय जे एस एस सी परीक्षा में पेपर लीक के मामलों की जांच दबा दी गई थी।
श्री पांडेय ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार युवाओं के हित में पूरी जिम्मेदारी से फैसले लेती है। हमारी प्राथमिकता किसी भी परीक्षा को शुचिता के साथ पूरा कराना है, न कि किसी नेता की बयानबाज़ी को शांत करना है। उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि जिन युवाओं को आज अवसर मिल रहा है, उनके लिए भाजपा ने सरकार में रहते कौन-सा रोजगार सृजन कार्यक्रम चलाया था? उन्होंने आगे कहा- मरांडी जी को झूठ की राजनीति छोड़कर युवाओं को यह बताना चाहिए कि हेमंत सरकार उनके कल्याण के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चला रही है।
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