एजल , अक्टूबर 15 -- मिज़ोरम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चकमा स्वायत्त ज़िला परिषद (सीएडीसी) के प्रतिनिधिमंडल ने बंगलादेश से लगती सीमा पर बाड़ लगाने की परियोजना का मामला उठाते हुये प्रभावित स्थानीय लोगों को जल्द से मुआवजा देने की गुजारिश की है।

भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय में सीमा प्रबंधन मामलों के सचिव डॉ. राजेंद्र कुमार से इस सप्ताह मुलाकात की है। प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करने की अपील की। श्री कुमार से मुलाकात के दौरान भाजपा के ज़िला अध्यक्ष दुर्ज्य धन चकमा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद लोगों को मुआवज़े में मिलने में हो रही देरी का उल्लेख करते हुये एक ज्ञापन भी सौंपा।

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने 17 फरवरी, 2025 को अपने फैसले में राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम (एनपीसीसी) लिमिटेड को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 के अनुसार तीन महीने की अवधि में ब्याज सहित 31.99 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था।

श्री चकमा ने कहा कि एनपीसीसी भुगतान जारी करने में विफल रही है, जिससे प्रभावित परिवार वित्तीय संकट में हैं। उन्होंने कहा कि अदालत का फैसला स्पष्ट था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। न्यायालय ने केंद्र सरकार को एनपीसीसी को आवश्यक धनराशि प्रदान करने का भी आदेश दिया। इन स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है। भारत-बंगलादेश सीमा बाड़ के निर्माण के लिए लॉन्ग्टलाई जिले में भूमि अधिग्रहित किए जाने के बाद यह समस्या उत्पन्न हुयी।

उन्होंने कहा कि लॉन्ग्टलाई उपायुक्त ने ब्याज सहित कुल मुआवजे की राशि 90.95 करोड़ रुपये आंकी है, जिसका भुगतान तुरंत किया जाना है।

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