नैनीताल , नवंबर 12 -- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रामनगर हिंसा प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंडल अध्यक्ष मदन मोहन जोशी को फिलहाल राहत नहीं दी है। अदालत ने अपीलकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई है। इस मामले में अब 17 नवम्बर को सुनवाई होगी।

आरोपी की अपील पर न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की पीठ में सोमवार 10 नवंबर को सुनवाई हुई लेकिन आदेश की प्रति आज मिल पाई। आरोपी की ओर से गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ ही उसके खिलाफ रामनगर थाना में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गयी है।

अपीलकर्ता की ओर से कहा गया कि वह बेकसूर है और उसे राजनीतिक विद्वेष के चलते फंसाया जा रहा है जबकि पीड़ित पक्ष की ओर से घटना से संबंधित फोटोग्राफ अदालत को सौंपे गए।

अदालत ने अपीलकर्ता को फिलहाल कोई राहत नहीं देते हुए सरकार की ओर से आपत्ति दर्ज करने के लिए एक सप्ताह का समय लिया गया। फिलहाल अदालत ने गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई है। अब इस प्रकरण में 17 नवम्बर को सुनवाई होगी।

यहां बता दें कि विगत 23 अक्टूबर को भीड़ ने बरेली उप्र से मांस परिवहन करने वाली एक यूटिलिटी वाहन पर हमला बोल दिया था। आरोप है कि भीड़ ने चालक नासिर हुसैन की पिटाई कर दी थी और वाहन को नुक़सान पहुंचा दिया था। इसके बाद पुलिस ने भाजपा के स्थानीय नेता मदन मोहन जोशी समेत कुछ लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109 और 190 के तहत नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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