पटना, सितंबर 28 -- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने लद्दाख में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत प्रख्यात शिक्षाविद् और कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है।

भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि राज्य के दर्जे और संवैधानिक सुरक्षा उपायों की लोकतांत्रिक मांगों को शांतिपूर्वक उठाने वाले नागरिक के विरुद्ध इस तरह के कठोर कानून का प्रयोग राज्य शक्ति के अस्वीकार्य दुरुपयोग का प्रतिनिधित्व करता है। यह न केवल लद्दाख के लोगों के अधिकारों का हनन करता है, बल्कि असहमति को अपराध घोषित करने और लोकतांत्रिक आवाज़ों को दबाने की एक खतरनाक प्रवृत्ति को भी दर्शाता है।

श्री पांडेय ने कहा कि भाकपा, सोनम वांगचुक और विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अन्य सभी कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई और उनके खिलाफ लगाए गए सभी झूठे और मनगढ़ंत आरोपों को बिना शर्त वापस लेने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि पार्टी लेह में हुई गोलीबारी की घटना की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच की भी मांग करती है, जिसके कारण कई लोगों की दुखद मृत्यु हुई और कई घायल हुए, और यह सुनिश्चित किया जाए कि ज़िम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए।

भाकपा सचिव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने एकतरफ़ा अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया, इस रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में लोगों के सामने आ रही अशांति और कठिनाइयों के लिए सीधे तौर पर केंद की भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है। उन्होंने कहा कि केंद सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती है। भाकपा सरकार से लद्दाख में सभी हितधारकों के साथ सार्थक बातचीत शुरू करने और लोगों के बीच सामान्य स्थिति, शांति और विश्वास बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करती है।

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