पटना , दिसंबर 26 -- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा ) के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पार्टी का शताब्दी स्थापना दिवस पूरे बिहार में शुक्रवार को धूम धाम से मनाया गया।
एक महत्पूर्ण मील के पत्थर को स्पर्श करते हुए 26 दिसंबर को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी स्थापना के सौ साल पूरे कर लिए हैं।
इस अवसर पर पार्टी के राज्य मुख्यालय अजय भवन से लेकर सभी जिला,अंचल और शाखा कार्यालयों में झंडोत्तोलन किया और कार्यालय को सजाया गया है। जनशक्ति भवन में राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर गिरीश चंद्र शर्मा ने झंडोत्तोलन किया। डॉक्टर गिरीशचंद्र शर्मा ने बेगूसराय में और राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने बेगूसराय में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।
भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने अपने संदेश में कहा है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 26 दिसम्बर 1925 को कानपुर में हुई थी। उन्होंने कहा कि भाकपा का इतिहास संघर्ष और बलिदानों का है। देश की आजादी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने महति भूमिका निभाई। आजादी के आंदोलन के दौरान भाकपा के नेताओं, कार्यकर्ताओं को जेल में डालकर यातनाएं दी गई। इसके बावजूद पार्टी के कार्यकर्ता ब्रिटिश सरकार की साम्राज्यवादी नीतियों का विरोध करते रहे और सारे कष्टों से लड़ते हुए, सहते हुए आजादी के आंदोलन में एकजुट हो कर भाग लेते रहे। इस निश्चय के साथ काम करते रहे कि एक दिन आयेगा जब देश के भीतर वर्गों में बंटा समाज खत्म होगा, शोषण का अंत होगा, और जनतांत्रिक व्यवस्था देश में आयेगी। उन्होंने कहा कि दशकों बाद भी उस निश्चय की चमक में बदलाव नहीं आया है और आज का दिन उन सब साथियों की स्मृतियों को समर्पित है, जिन्होंने अपने जीवन समाज में बदलाव के प्रयास में लगा दिया।
भाकपा राज्य सचिव श्री पांडेय ने कहा कि केंद्र और राज्य की सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार संविधान और लोकतंत्र को समाप्त करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद किया जा रहा है। इस सरकार में दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़े हैं। महंगाई आसमान छू रही है। ऐसी स्थिति में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की भूमिका और बढ़ गई है।
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