भराड़ीसैंण (गैरसैंण) , नवंबर 06 -- उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष एवं कोटद्वार विधायक ऋतु खण्डूरी भूषण ने गुरुवार को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में अंतरराष्ट्रीय संसदीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी "स्थायी रोजगार सृजन : विकसित उत्तराखंड का आधार" का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।

यह संगोष्ठी श्रीमती भूषण की एक अनूठी, दूरदर्शी और युवा-केंद्रित पहल है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को रोजगार मांगने के बजाय रोजगार सृजन की संस्कृति से जोड़ना और उन्हें व्यावहारिक उद्यमिता के अनुभव से अवगत कराना है।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड जैसे युवा राज्य को भविष्य के लिए ऐसे ही व्यावहारिक मंचों की आवश्यकता है, जो युवाओं को सिर्फ नौकरी के विकल्पों तक सीमित न रखकर उन्हें रोजगार सृजन की दिशा में प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी प्रदेश के युवाओं को अवसर, नेटवर्किंग, सीख और मार्गदर्शन प्रदान करने का एक बड़ा कदम है, जो आगे चलकर विकसित उत्तराखंड के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाएगी।

उद्घाटन सत्र में कोटद्वार, गैरसैंण एवं कर्णप्रयाग महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने "मेरे सपनों का उत्तराखंड" विषय पर अपने विचार रखते हुए प्रदेश के भविष्य की संभावनाओं को बड़े आत्मविश्वास और गंभीरता से व्यक्त किया। संगोष्ठी के प्रथम दिन तीन प्रमुख क्षेत्रों पर्यटन, उद्योग एवं व्यवसाय, तथा कला एवं संस्कृति पर विस्तृत संवाद हुआ। पर्यटन से जुड़े सत्र में यमकेश्वर के अनूप देवरानी (होम स्टे), कोटद्वार के राजीव बिष्ट (नेचर गाइड), ऋषिकेश की मंजू शर्मा (टूर ऑपरेटर) और चकराता के अंकित तोमर (रिसॉर्ट संचालन) ने सहभागियों को बताया कि उत्तराखंड में पर्यटन तेजी से रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण स्तंभ बन रहा है। उद्योग एवं व्यवसाय से संबंधित सत्र में रानीखेत की चयनिका बिष्ट (हिल क्राफ्ट), देहरादून के कर्नल विकास गुसाईं (महिला स्वयं सहायता समूह और स्वरोजगार), रुद्रप्रयाग के दीपक सिंह (फूड प्रोसेसिंग) और आईटी क्षेत्र से शौर्य बिष्ट ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में भी उद्योग आधारित स्वरोजगार अपनी मजबूत संभावनाएँ दिखा रहा है।

इसी क्रम में कला एवं संस्कृति पर केंद्रित सत्र में लोक कलाकार हरीश भारती, शिल्पकार दर्शन लाल और वॉल आर्टिस्ट तथा चित्रकार मुकुल बड़ूनी ने बताया कि डिजिटल माध्यमों और पर्यटन के विस्तार ने सांस्कृतिक कला को भी स्थायी रोजगार का नया आधार प्रदान किया है।

पूरे दिन चले इन सत्रों में कर्णप्रयाग, गैरसैंण और कोटद्वार पीजी कॉलेज के सैकड़ों छात्र-छात्रा उपस्थित रहे। वक्ताओं ने छात्रों को अपने वास्तविक अनुभवों से अवगत कराते हुए यह बताया कि कैसे सीमित संसाधनों के बीच भी उत्तराखंड में अपार संभावनाएँ मौजूद हैं, जिन्हें पहचानकर युवा स्वयं रोजगार की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं। विद्यार्थियों ने भी संगोष्ठी से प्रेरित होकर भविष्य में उद्यमिता और स्वरोजगार को अपनाने का संकल्प व्यक्त किया।

संगोष्ठी में विधायक कर्ण प्रयाग, अनिल नौटियाल, सिंचाई सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष ऋषि कण्डवाल, मनीष खण्डूडी, उदित घिल्डियाल, राजीव बिष्ट, मंजू शर्मा, कर्नल विकास गुसाईं, हरीश भारती, स्वामी दर्शन भारती, डा खुशाल भण्डारी, प्रो. डंगवाल भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल बर्तवाल, महामंत्री अरुण मैठाणी ,चन्द्रकला तिवाड़ी आदि उपस्थित रहे। संचालन राजेश थपलियाल ने किया।

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