चंडीगढ़ , अक्टूबर 22 -- हरियाणा के लोक निर्माण एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने विश्वकर्मा दिवस पर भगवान विश्वकर्मा को नमन करते हुए कहा कि भगवान विश्वकर्मा सृष्टि के प्रथम इंजीनियर, शिल्पकार और कुशल वास्तुकार थे।

श्री गंगवा ने कहा कि उनका जीवन सृजन, परिश्रम और नवाचार की प्रेरणा देता है। यह पर्व केवल कारीगरों और श्रमिकों का सम्मान करने का अवसर नहीं, बल्कि यह संदेश देता है कि हर कार्य को समर्पण और निष्ठा से किया जाए तो वही सच्ची पूजा बन जाता है। आज का दिन मजदूरों, कारीगरों, इंजीनियरों और उद्योग जगत से जुड़े सभी लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है।

उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर बुधवार को हिसार में विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने कहा, " भगवान विश्वकर्मा हमें सिखाते हैं कि ज्ञान और तकनीक का उपयोग समाज की भलाई और मानवता की प्रगति के लिए होना चाहिए।"उन्होंने कहा कि आज के युग में कौशल विकास और उद्यमिता अत्यंत आवश्यक हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इन दोनों क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में केवल पारंपरिक शिक्षा पर्याप्त नहीं है, छात्रों को विविध कौशल हासिल करने होंगे। सरकार कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है, क्योंकि यह निवेश देश के उज्जवल भविष्य की दिशा में कदम है।

श्री गंगवा ने कहा कि उद्योग-अनुकूल और श्रमिक कल्याण नीतियों के चलते हरियाणा आज देश के प्रमुख औद्योगिक राज्यों में शुमार है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का लक्ष्य हरियाणा को ऐसा राज्य बनाना है जहां युवाओं को शिक्षा के साथ दिशा, उद्देश्य और अवसर मिलें। इसी दिशा में प्रत्येक विश्वविद्यालय को उद्योग भागीदारी कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि शिक्षा और रोजगार के बीच की दूरी कम की जा सके।

उन्होंने बताया कि अनुसंधान को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य अनुसंधान कोष बनाया गया है। साथ ही प्रत्येक जिले में एक मॉडल कौशल महाविद्यालय और एक मॉडल कौशल विद्यालय स्थापित करने की दिशा में कार्य चल रहा है। सरकार का संकल्प है गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सार्थक रोजगार और नवाचार को प्रोत्साहन देना।

श्री गंगवा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने ऐसी पारदर्शी व्यवस्था लागू की है जिसमें शिक्षित युवाओं को उनकी योग्यता के आधार पर रोजगार मिल रहा है। हरियाणा सिविल सेवा की भर्ती इसका उदाहरण है। इसके अलावा पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था भी सरकार द्वारा की गयी है।

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