कोटा , नवंबर 14 -- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि भगवान बिरसा मुण्डा ने अपने साहस, संघर्ष और बलिदान से न सिर्फ आदिवासी समाज, बल्कि पूरे देश का मार्गदर्शन किया।
श्री बिरला राजस्थान में कोटा के सुभाष नगर में शुक्रवार को राजस्थान भील समाज विकास समिति द्वारा आयोजित भगवान बिरसा मुण्डा जयंती समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज़ादी से पहले उनके नेतृत्व में लड़ी गई लड़ाइयाँ जनजातीय समाज के अधिकारों की रक्षा का अहम अध्याय हैं। जनजातीय गौरव दिवस उनके महान त्याग को नमन करने और उनकी विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का महत्वपूर्ण अवसर है।
श्री बिरला ने कहा कि जनजातीय समाज ने जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा के साथ-साथ स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक न्याय की लड़ाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने नागालैंड के खोनोमा गांव में अपने हालिया प्रवास का उल्लेख करते हुए कहा कि एक छोटे से जनजातीय गांव ने अंग्रेजों के खिलाफ साहसिक संघर्ष करके उन्हें पीछे हटने पर मजबूर किया। उन्होंने उन अनगिनत जनजातीय वीरों को भी स्मरण किया, जिनके बलिदान देश की अमूल्य धरोहर हैं।
श्री बिरला ने कहा कि अब भी कई आदिवासी गांव बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं, जिन्हें दूर करना हमारी साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पहले जैसे जनजातीय गौरव दिवस, भूमि अधिकार योजना और एकलव्य मॉडल विद्यालय जनजातीय क्षेत्रों में बड़े सामाजिक परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। आने वाले वर्षों में छात्रावास, डिजिटल लाइब्रेरी, कौशल विकास केंद्र, स्वास्थ्य सेवाएँ और खाद्य सुरक्षा योजनाएँ हर जनजातीय परिवार तक पहुँचेंगी।
श्री बिरला ने कहा कि शिक्षा ही सामाजिक परिवर्तन का आधार है। कई पीढ़ियों तक शिक्षा के अभाव में जनजातीय समाज आरक्षण और अन्य योजनाओं का पूरा लाभ नहीं ले पाया, इसलिए अब हर गांव के बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित करना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर गांव में युवाओं और महिलाओं की एक टीम तैयार की जाएगी, जो सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ दोनों को घर-घर तक पहुँचाएगी।
इस दौरान श्री बिरला ने जनजातीय समाज की प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया।
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