अजनाला (अमृतसर) , अक्टूबर 13 -- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा वितरित करने के लिए सोमवार को आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि 11 सितंबर को उन्होंने घोषणा की थी कि विशेष गिरदावरी करवाने के बाद 45 दिनों के भीतर मुआवजा वितरण शुरू कर दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि हालांकि 45 दिनों की यह समय सीमा 28 अक्टूबर को समाप्त हो रही है, लेकिन राज्य सरकार ने अपनी अथक कोशिशों से समय से पहले ही मुआवजा वितरण शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों के प्रति हमदर्दी जताते हुए कहा कि बाढ़ के कारण केवल पंजाब के किसानों को ही नुकसान नहीं हुआ, बल्कि पूरे देश को नुकसान हुआ, क्योंकि पंजाब देश के खाद्य भंडार में सबसे अधिक योगदान देता है।
उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 'मिशन चढ़दी कला' में योगदान देने के लिए उन्होंने विश्व भर के समाजसेवियों से अपील की थी। उन्होंने कहा कि दानी सज्जन 'रंगला पंजाब पोर्टल' के माध्यम से बड़ी संख्या में उदारता से योगदान दे रहे हैं।
श्री मान ने कहा कि आज गुरु की नगरी अमृतसर से बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा वितरण की शुरुआत हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृतसर जिले में बाढ़ के कारण 198 गांव प्रभावित हुए और विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट के अनुसार 59,793 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फसलें नष्ट हुईं। उन्होंने कहा कि 958 मकान पूरी तरह बर्बाद हो गये और 3,711 मकानों को आंशिक नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि 307 पशुओं का भी नुकसान हुआ।
श्री मान ने कहा कि समय पर मुआवजा वितरण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पहली बार गिरदावरी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के दौरान अमृतसर जिले में 10 लोगों की जान गयी और प्रत्येक पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में पहले ही चार लाख रुपये दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि जिले के 669 प्रभावित व्यक्तियों को फसलों, मकानों और पशुओं के नुकसान के लिए कुल छह करोड़ रुपये और सात लाख रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाकी बचे लाभार्थियों को भी जल्द ही उनके बैंक खातों में मुआवजा मिल जायेगा। बाकी बचे 19 जिलों के 825 गांवों में, जहां गिरदावरी का काम पूरा हो चुका है, मंगलवार से कैबिनेट मंत्री मुआवजा राशि वितरण शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि फसलों के नुकसान का पता लगाने के लिए राज्य के 2,508 गांवों का विशेष सर्वे करवाया गया था, जिसकी रिपोर्ट के अनुसार साढ़े तीन लाख एकड़ फसल बुरी तरह नष्ट हुई है। श्री मान ने कहा कि राज्य आपदा राहत कोष (एस.डी.आर.एफ.) के तहत केवल 6,800 रुपये प्रति एकड़ दिये जा सकते हैं, जिसमें से पंजाब सरकार 1,700 रुपये का योगदान देती थी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से प्रति एकड़ 50,000 रुपये देने की मांग की थी, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें से पंजाब ने एस.डी.आर.एफ. के 1,700 रुपये के अलावा प्रति एकड़ 13,200 रुपये अतिरिक्त योगदान दिया है, जिससे यह राशि 14,900 रुपये प्रति एकड़ हो जाती है। उन्होंने कहा कि 28 अक्टूबर तक सभी प्रभावित गांवों में मुआवजे का वितरण शुरू हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि घरों के नुकसान का आकलन करने के लिए 2,291 गांवों में सर्वेक्षण किया गया था और रिपोर्ट के अनुसार 1,846 गांवों में 30,806 घर/शेड/झुग्गी-झोपड़ियों को नुकसान पहुंचा है। तेइस अक्टूबर से मुआवजे के रूप में कुल 180 करोड़ रुपये वितरित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि पूरी तरह ढह गये घरों के लिए 1,20,000 रुपये दिये जायेंगे, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 40,000 रुपए दिये जायेंगे, जबकि पिछली सरकारों के समय यह राशि 6,500 रुपये थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार 1,766 पशुओं का नुकसान हुआ, साथ ही 2.2 लाख मुर्गियां मारी गयीं और इस नुकसान के लिए मुआवजे के रूप में कुल सात करोड़ रुपये वितरित किये जायेंगे। श्री मान ने कहा कि एक ऐतिहासिक पहल में राज्य सरकार ने 'जिसदा खेत, उसदी रेत' नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत किसान बिना किसी परमिट के अपने खेतों में जमा रेत और गाद को हटा सकते हैं या अपनी मर्जी से बेच सकते हैं।
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