मास्को , दिसंबर 28 -- एक रूसी विद्वान ने रविवार कहा कि ब्रिक्स एवं शंघाई सहयोग संगठन वैश्विक दक्षिण के देशों को वैश्विक शासन में सीमांत खिलाड़ी के बजाय समान भागीदार के रूप में सक्षम बनाते हैं।
लोमोनोसोव मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर आंद्रेई मनोइलो ने शिन्हुआ से एक साक्षात्कार में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ब्रिक्स और एससीओ के साथ जुड़ने वाले देशों की बढ़ती संख्या वैश्विक दक्षिण में उनकी बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है।
प्रो. मनोइलो ने कहा कि आर्थिक विकास एवं राजनीतिक सुरक्षा को बढ़ावा देने में ब्रिक्स अब दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक शक्ति बन चुका है।
रूसी प्रोफेसर ने कहा कि ब्रिक्स वैश्विक दक्षिण के देशों को वैश्विक मामलों में अपनी उचित भागीदारी का दावा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा कि ब्रिक्स में भागीदारी इन देशों चीन, रूस एवं भारत सहित विश्व की सबसे बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग करने का एक मूल्यवान अवसर भी प्रदान करती है।
श्री मनोइलो ने यह भी कहा कि कई देश एससीओ को विकास के लिए एक न्यायसंगत एवं व्यावहारिक मार्ग के रूप में देखते हैं। सुरक्षा उद्देश्यों के लिए 2001 में स्थापित एससीओ अपने कार्यों का विस्तार राजनीतिक, आर्थिक एवं अन्य क्षेत्रों में कर चुका है।
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