जगदलपुर, सितंबर 26 -- छत्तीसगढ़ के बस्तर में प्रस्तावित बोधघाट बांध परियोजना और कोत्तागुड़म-किरंदुल रेल मार्ग के विरोध में बस्तरिया राज मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को बस्तर कमिश्नर के कार्यालय पर ज्ञापन सौंपा। संगठन ने आरोप लगाया कि ये परियोजनाएं बस्तरवासियों के हित में नहीं, बल्कि खनन कंपनियों के फायदे के लिए बनाई जा रही हैं।

मोर्चा के संयोजक मनीष कुंजाम ने कहा,"बोधघाट परियोजना से 56 गांव जलमग्न होंगे और हजारों आदिवासी परिवार विस्थापित होंगे। यह परियोजना आदिवासी संस्कृति और जीवनशैली को उजाड़ने का काम करेगी।" उन्होंने कोत्तागुड़म-किरंदुल रेल लाइन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार देना नहीं, बल्कि खनिजों का परिवहन सुनिश्चित करना है।

श्री कुंजाम ने बताया कि हाल ही में बैलाडीला के 13 नंबर पहाड़ पर ड्रोन सर्वे के दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध जताया और उपकरण जब्त कर लिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बिना स्थानीय समुदाय की सहमति के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन की योजना बना रही है।

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