नयी दिल्ली , नवंबर 03 -- पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को बताया कि बोत्सवाना से आठ चीते दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह में भारत लाए जायेंगे।

श्री यादव ने यहां एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान चीतों के नए समूह के भारत लाये जाने की जानकारी दी। वह आगामी कोप30 सम्मेलन के बारे में मीडिया को जानकारी दे रहे थे।

उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार, इन चीतों को कुनो में क्वारंटाइन किया जाएगा।" श्री यादव ने करीब तीन साल पहले शुरू किये गये प्रोजेक्ट चीता की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "नामीबियाई चीतों की तीसरी पीढ़ी, मुखी, हाल ही में वयस्कता तक पहुंची है, जबकि दक्षिण अफ्रीकी मूल के माता-पिता से पैदा हुआ शावक भी अगले तीन से चार महीनों में इस वयस्कता तक पहुंच जाएगा।"ज्ञात रहे कि 29 मार्च, 2023 को नामीबियाई चीता ज्वाला से पैदा हुई मादा शावक, मुखी, 30 सितंबर को 30 महीने की हो गई और वयस्कता तक पहुंच गई, जो एक चीतों की आत्मनिर्भर आबादी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

अबतक प्रोजेक्ट चीता के तहत, कुल 20 चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया गया। उनमें से आठ को सितंबर 2022 में नामीबिया से आए पहले बैच में लाया गया था, जबकि शेष 12 फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से आए थे।

परियोजना की शुरुआत के बाद से, कुनो में 26 शावकों का जन्म हुआ, जिनमें से 10 भारत में जन्मे शावक और 9 आयातित वयस्क शावकों की मृत्यु हो गई है, जिससे कुल बिल्ली वंश की संख्या घटकर 27 हो गई है। बची हुई आबादी में से 24 कुनो राष्ट्रीय उद्यान में और तीन गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में रखे गए हैं।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित